UP: 'लोकेशन बेस्ड एक्सेस' से रुकेगा आयुष्मान कार्ड फर्जीवाड़ा, कसा गया शिकंजा
Ayushman Card: ऐसे आयुष्मान कार्ड पर भी नजर रखी जाएगी, जो अवकाश के दिनों में बनाए जाते हैं। पूर्व में फर्जीवाड़ा करके 9.45 करोड़ रुपये अस्पतालों के खातों में भेजने का मामला भी छुट्टियों के दौरान हुआ था।

आयुष्मान कार्ड
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : आयुष्मान कार्ड फर्जीवाड़े के बाद अब स्टेट एजेंसी फार काम्प्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेस (साचीज) नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी में है। इसमें कार्ड बनने का अनुमोदन अधिकारी अब आफिस से ही दे सकेंगे।
सभी के कंप्यूटर सिस्टम पर स्थान आधारित लागिन (लोकेशन बेस्ड एक्सेस) की व्यवस्था शुरू की जाएगी। इससे किसी अन्य जगह से कार्ड जारी करने के लिए लागिन नहीं किया जा सकेगा। इससे फर्ज़ी तरीके से कार्ड बनाने की कोशिशों को रोका जा सकेगा।
फर्जीवाड़ा करके 450 से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाने का मामला सामने आने के बाद साचीज के अधिकारी लगातार आवेदन और अनुमोदन की प्रक्रिया को अभेद बनाने में जुटे हुए हैं। अब साचीज के अधिकारियों को कार्ड के अनुमोदन के लिए सिर्फ आफिस से ही पोर्टल को खोलने की अनुमति मिलेगी।
इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) साथ मिलकर लोकेशन बेस्ड एक्सेस सुविधा को साफ्टवेयर में जोड़ा जाएगा। इससे कोई भी व्यक्ति अब अधिकारी या कर्मचारी की आइडी से कार्ड जारी नहीं कर पाएगा। बीते दिनों बने फर्जी आयुष्मान कार्ड साचीज के पांच अधिकारियों के मोबाइल नंबर को बदलकर अन्य जगहों से बनाए गए थे अब इस तरह की किसी भी कोशिश को नई सुविधा के शुरू होने से विफल कर दिया जाएगा।
इसके अलावा ऐसे आयुष्मान कार्ड पर भी नजर रखी जाएगी, जो अवकाश के दिनों में बनाए जाते हैं। पूर्व में फर्जीवाड़ा करके 9.45 करोड़ रुपये अस्पतालों के खातों में भेजने का मामला भी छुट्टियों के दौरान हुआ था। इसी तरह फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने में भी दीपावली की छुट्टियों के दौरान एनएचए के पोर्टल में सेंधमारी की गई।
इस दौरान साचीज का कार्यालय बंद था और फर्जीवाड़ा करने वालों ने इस का पूरा फायदा उठाया। जब कार्यालय खुला तो अधिकारियों ने कार्ड के अनुमोदन के लिए ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) जारी किया, वो अधिकारियों के मोबाइल नंबर आया नहीं। कई बार प्रयास के बावजूद जब ओटीपी नहीं मिला तो इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।
साचीज की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अर्चना वर्मा ने बताया कि कार्ड बनाने या भुगतान के मामले में जांच में जो भी खामियां सामने आ रही हैं, उसकी जानकारी एनएचए के अधिकारियों को दी गई है। उसे आयुष्मान भारत योजना के पोर्टल पर अपडेट किया जा रहा है।

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