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    UP: प्रदेश में अब पेंशन राशि से अलग होगा पेंशन एरियर का भुगतान, लगेगी घाेटाले पर राेक

    By Hemant Kumar Srivastava Edited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Fri, 12 Dec 2025 05:19 AM (IST)

    Pension Scam in UP: साफ्टवेयर में बदलाव करते हुए इन दोनों का भुगतान अलग-अलग तिथियों में किया जाएगा।जिसके बाद एरियर के नाम पर किसी पेंशनर के खाते में अ ...और पढ़ें

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    43.13 करोड़ रुपये के घोटाले से सीख

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार घाेटालाें से सबक लेते हुए सतर्कता बरत रही है। ताजा प्रकरण चित्रकूट काेषागार में हुए घाेटाले का है।

    शासन ने 43.13 करोड़ रुपये के घोटाले से सीख लेते हुए तय किया है कि पेंशन धनराशि और पेंशन एरियर का भुगतान अब एक साथ नहीं किया जाएगा। इतना ही नहीं एरियर और पेंशन का भुगतान अलग-अलग तिथियों में किया जाएगा। इसके लिए एनआइसी साफ्टवेयर में सुरक्षा के नजरिए से जरूरी बदलाव करेगा।

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    कोषागार निदेशक वीके सिंह के बताया कि पेंशन के साथ पेंशन एरियर का भुगतान किए जाने की व्यवस्था से चित्रकूट में इतना बड़ा घोाटाला संभव हुआ। साफ्टवेयर में बदलाव करते हुए इन दोनों का भुगतान अलग-अलग तिथियों में किया जाएगा।जिसके बाद एरियर के नाम पर किसी पेंशनर के खाते में अतिरिक्त धनराशि ट्रांसफर नहीं की जा सकेगी। कोषागारों का कामकाज वर्ष 2014 से आनलाइन हुआ है तब से अब तक की विशेष आडिट कराने की निर्णय भी लिया गया है।

    घोटाले के बाद जिन 93 पेंशनरों के खाते में एरियर के नाम पर 43.13 रोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे, उन सभी खातों को फ्रीज कर दिया गया है। अब तक घोटाले की धनराशि में से 3.62 करोड़ रुपये वापस मिल चुके हैं। चित्रकूट कोषागार के कार्मिकों की मिलीभगत से वर्ष 2018 से 2025 के बीच सात साल में 93 पेंशनरों के अलग-अलग बैंक खातों में गलत तरीके से मोटी रकम भेजी गई थी। घोटाले 2018 से 2025 के बीच हुए हैं। सभी कोषागारों के मुख्य कोषाधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह अपने कोषागारों में पेंशन खातों की जांच करा लें।

    इस घोटाले में दो सहायक लेखाकार, एक सहायक कोषाधिकारी तथा एक सेवानिवृत्त सहायक कोषाधिकारी के साथ 93 पेंशनरों सहित कुल 97 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। पुलिस ने 24 पेंशनर, छह बिचौलियों समेत 32 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों में शामिल एक सहायक लेखाधिकारी की मौत हो चुकी है।

    चित्रकूट कोषागार के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से हुए 43.13 करोड़ रुपये के घोटाले ने निदेशालय की आंखें खोल दी है। इस घोटाले के बाद अब प्रदेश के सभी कोषागारों के पेंशन खातों की जांच कर लेने के आदेश मुख्य कोषाधिकारियों को दिए गए हैं।कोषागार के साफ्टवेयर की कमियां भी दूर की जाएंगी, जिससे भविष्य में इस तरह का खेल कोई न कर सके।