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    UP News: बिना फायर एनओसी के वर्षों से चल रहा 250 बेड वाला उत्तर रेलवे का इंडोर अस्पताल

    By Ayushman Pandey Edited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Mon, 27 Oct 2025 04:17 PM (IST)

    Hospitals Operation Without Fire NOC: 250 बेड की क्षमता वाले इस अस्पताल का निर्माण सन 1937 में हुआ था। वर्ष 2025 आ चुका है, लेकिन अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई भी अपग्रेडशन नहीं किया गया है। उच्चाधिकारियों को दिखाने के लिए खानापूर्ति तो कर दी जाती है, लेकिन आग लगने की स्थिति में क्या इंतजाम किए जाएंगे, इस पर किसी का ध्यान नहीं है।

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    आग लगने के बाद अस्पताल प्रशासन की एक और लापरवाही सामने आई

    जासं, लखनऊ: इंडोर उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के रेफरल अस्पताल में मरीजों का इलाज तो किया जा रहा है, लेकिन उनकी जान कई वर्षों से जोखिम में डाली हुई है। अस्पताल में आग से बचाव के लिए कोई उपकरण नहीं हैं। यह बात दमकल विभाग ने कही है, जो अस्पताल प्रशासन को सुविधाएं पूरी करने के लिए लगातार पत्र लिख रहा है, लेकिन अभी तक कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं।
    250 बेड की क्षमता वाले इस अस्पताल का निर्माण सन 1937 में हुआ था। वर्ष 2025 आ चुका है, लेकिन अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई भी अपग्रेडशन नहीं किया गया है। उच्चाधिकारियों को दिखाने के लिए खानापूर्ति तो कर दी जाती है, लेकिन आग लगने की स्थिति में क्या इंतजाम किए जाएंगे, इस पर किसी का ध्यान नहीं है। बीते वर्ष भी मीटर बाक्स में आग लग चुकी है, जिसके बाद दमकल विभाग ने नोटिस जारी की थी।

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    इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन ने आवश्यक इंतजाम नहीं किए। अग्निशमन विभाग के अधिकारी ने बताया कि हर बार निरीक्षण के बाद पत्र जारी कर कमियां बताई गईं और उन्हें पूरा करने के लिए कहा गया। हालांकि, एक महीने बाद फिर से निरीक्षण किया गया तो सिर्फ फायर अलार्म और कुछ सिलेंडर लगाकर खानापूर्ति कर दी गई। दमकल विभाग का कहना है कि अस्पताल के हिसाब से दो हजार लीटर से बड़ी पानी की टंकी समेत अन्य इंतजाम करने आवश्यक हैं। इसे लेकर फिर से निर्देश दिए गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

    सीसी कंट्रोल में ड्यूटी पर नहीं थे कर्मचारी

    आग लगने के बाद अस्पताल प्रशासन की एक और लापरवाही सामने आई है। सीसीटीवी कंट्रोल रूम में एक व्यक्ति की तैनाती कागजों पर दिखाई गई है, लेकिन मौके पर कोई भी नहीं मिला। वहां मौजूद एक कर्मचारी ने बताया कि कंट्रोल रूम में बैठना मुश्किल है क्योंकि मशीनें लगी हैं और एसी की जगह कूलर लगा रखा है, जिससे वहां बैठना मुश्किल हो जाता है।

    तीन बार नोटिस भी जारी 
    मुख्य अग्निशमन अधिकारी, अंकुश मित्तल ने बताया कि अस्पताल प्रशासन को निरीक्षण के बाद कई बार आगाह किया जा चुका है और तीन बार नोटिस भी जारी की जा चुकी है, लेकिन इसके बावजूद अस्पताल में आवश्यक इंतजाम नहीं किए गए हैं। अब इस मामले में एक नई जांच कमेटी गठित की गई है, जो निरीक्षण कर फिर से नोटिस जारी करेगी। साथ ही उच्चाधिकारियों को भी पत्र भेजा जाएगा।