UP News: नेपाल के तीन बैराजों से छोड़ा गया पानी, यूपी में उफान पर आई नदी, निचले इलाकों में पलायन
नेपाल के तीन बैराजों से करीब दो लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से उत्तर प्रदेश के मऊ बलिया और आजमगढ़ में सरयू नदी उफान पर है। उत्तराखंड में भारी वर्षा के ...और पढ़ें

जागरण टीम, नई दिल्ली। नेपाल के तीन बैराजों से करीब दो लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से उत्तर प्रदेश के मऊ, बलिया और आजमगढ़ में सरयू नदी उफान पर है। मऊ में सरयू खतरे के निशान बिंदु 69.90 से 20 सेमी से ऊपर बह रही है।
बलिया में नदी का जलस्तर सोमवार सुबह खतरे के निशान 64.10 मीटर पर पहुंच गया। आजमगढ़ में पानी खतरे के निशान बिंदु को पार कर गया है और प्रति घंटा दो सेमी की गति से बढ़ रहा है।
पांच सौ से अधिक कांवड़िए फंसे
उधर, उत्तराखंड में भारी वर्षा के कारण चारधाम यात्रा मार्ग पर परेशानियां बढ़ गई है। हालांकि, गंगोत्री हाईवे अवरुद्ध होने से फंसे दो हजार कांवड़ियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, लेकिन पांच सौ से अधिक अब भी फंसे हुए हैं।
कुमाऊं में भारी वर्षा से नदी-नाले उफान पर हैं। पिथौरागढ़ में चीन सीमा को जोड़ने वाले दो मार्ग अवरुद्ध हैं। मुनस्यारी में एक मकान मलबे की चपेट में आने से क्षतिग्रस्त हुआ है। काली, गोरी, रामगंगा, मंदाकिनी नदियां उफान पर हैं।
पिथौरागढ़ प्रशासन ने नदी किनारे बस्तियों में अलर्ट जारी किया गया है। सोमवार को देहरादून में करीब छह घंटे में 100 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की गई, जिससे शहर के ज्यादातर क्षेत्र जलमग्न हो गए।
भारी वर्षा को लेकर ऑरेंज अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, मंगलवार को राज्य के अधिकतर जिलों में भारी वर्षा के आसार हैं। बागेश्वर, पिथौरागढ़, नैनीताल, चंपावत और ऊधम सिंह नगर में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, उत्तरकाशी, देहरादून, टिहरी, पौड़ी, अल्मोड़ा व हरिद्वार जनपदों में गरज-चमक के साथ कहीं-कहीं भारी वर्षा हो सकती है।
तटीय इलाकों से लोगों का पलायन
बलिया में गंगा का जलस्तर भी बढ़ रहा है, जो कि अभी खतरे के निशान से थोड़ा ही नीचे है। ऐसे में मऊ, बलिया व आजमगढ़ जिलों में तटीय इलाकों से लोगों का पलायन शुरू हो गया है।
मऊ के गोधनी व बीबीपुर रिंग बंधों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। भारत माता मंदिर व मुक्तिधाम श्मशानघाट पर भी कटान का खतरा है। जल पुलिस और सुरक्षाबलों को अलर्ट कर दिया गया है।
जिला प्रशासन ने बाढ़ राहत चौकियों की तैयारी शुरू कर दी है। बाढ़ के पानी ने अभी गांवों में प्रवेश करना शुरू नहीं किया है, लेकिन निचले इलाकों में पानी भरने से खेतों में तैयार हो रही फसलें तो प्रभावित हो ही रही हैं, पशुओं के लिए हरे चारे का भी अभाव हो रहा है।

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