UP News: खराब भूगर्भ वाले जिलों में गंगा जल से बुझाई जाएगी प्यास
Districts will Bad Groundwater Level: जल जीवन मिशन ने आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, बलिया और उन्नाव में स्वच्छ पीने के पानी की आपूर्ति उपलब्ध कराने के लिए सर्वेक्षण कराया था। इसमें सामने आया था कि आगरा में 116.8 प्रतिशत भूजल का दोहन हो रहा है।

कच्चे पानी को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से पीने लायक बनाया जाएगा
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: जल जीवन मिशन के हर घर नल से जल योजना में आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, बलिया और उन्नाव के लोगों के लिए गंगा नदी से पीने का पानी पहुंचाया जाएगा।
इन जिलों में कच्चे पानी को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से पीने लायक बनाया जाएगा। इसके बाद पाइप लाइन से हर घर को पीने का पानी पहुंचाया जाएगा। जल जीवन मिशन में चौथे चरण की इन परियोजना पर काम शुरू हो गया है। आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद के लिए गंगा कैनाल से पानी लाया जाएगा। बलिया और उन्नाव के लिए गंगा नदी से पानी लिया जाएगा।
जल जीवन मिशन ने आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, बलिया और उन्नाव में स्वच्छ पीने के पानी की आपूर्ति उपलब्ध कराने के लिए सर्वेक्षण कराया था। इसमें सामने आया था कि आगरा में 116.8 प्रतिशत भूजल का दोहन हो रहा है। वहां के 906 गांवों में से 567 गांवों के भूगर्भ जल की गुणवत्ता खराब है।
खासतौर से पानी में लवणता, फ्लोराइड, नाइट्रेट और अन्य प्रदूषक पाए गए। अत्यधिक दोहन से वर्ष 2011 से वर्ष 2021 के बीच भूजल स्तर में आठ से दस मीटर की गिरावट आई है। ऐसा ही हाल फिरोजाबाद का भी है। यहां 112 प्रतिशत भूजल का दोहन हो रहा है। यहां के नौ ब्लाक के 790 में से 462 गांवों में भूजल गुणवत्ता की जांच की गई, जिसमें पाया गया कि 351 गांवों में फ्लोराइड, उच्च कुल घुलित ठोस (टीडीएस) और अन्य प्रदूषक हैं।
वर्ष 2012 से 2021 के बीच वहां भी भूजल स्तर में नौ से दस मीटर की गिरावट दर्ज की गई है। इसी तरह मथुरा में उच्च कुल घुलित ठोस का स्तर अधिक पाया गया और पानी में लवणता ज्यादा पाई गई है।
बलिया में 100 मीटर तक की गहराई में आर्सेनिक पाया गया है। सुरक्षित पेयजल केवल 250 मीटर से अधिक गहराई पर ही उपलब्ध है। ग्रामीण क्षेत्रों में भूजल में भी कई तरह के प्रदूषक मिले हैं। उन्नाव के भूजल में फ्लोराइड, नाइट्रेट, आयरन और अत्यधिक कठोरता जैसी समस्याएं पाई गई हैं।
प्रयागराज के मांडा, मेजा, कोरांव, जसरा और शंकरगढ़ के पांच ब्लाक विन्ध्य पठार क्षेत्र में आते हैं। वहां सैंडस्टोन और शेल जैसी कठोर चट्टानों के कारण ट्यूबवेल अक्सर फेल हो जाते हैं। जल जीवन मिशन में इन जिलों में स्वच्छ पीने का पानी पहुंचाने के लिए सतही जल श्रोत आधारित पेयजल योजना पर कार्य शुरू किया गया है।
जल जीवन मिशन से मिली जानकारी के अनुसार फिरोजाबाद तक पानी पहुंचाने के लिए एटा के पास लोअर गंगा कैनाल से पानी की आपूर्ति की जाएगी। यहां के भडेरा गांव में प्रदेश का सबसे बड़ा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है। यहां पाइप लाइन के माध्यम से पानी पहुंचाया जाएगा। आगरा में भी लोअर गंगा कैनाल से हर घर नल से जल दिया जाना प्रस्तावित है। ये वाटर ट्रीटमेंट प्लान आगरा और फिरोजाबाद से क्रमशः 68 व 50 किमी की दूरी पर बनाया जा रहा है।
मथुरा में घरों तक पानी पहुंचाने के लिए बुलंदशहर में अपर गंगा कैनाल से पानी की आपूर्ति की जाएगी। बलिया में दुधैला और कटरिया के पास गंगा नदी से, जमालपुर घाघरा नदी से लिया जाएगा। यहां भी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर कार्य चल रहा है। इसी तरह उन्नाव में पानी कटरी पीपरखेड़ा लवकुश बैराज गंगा नदी और कुरारीकला लवकुश बैराज गंगा नदी से पहुंचाया जाएगा।
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