UP News: नगरीय विकास योजना में भारी घोटाला, 12.84 करोड़ की अनियमितता उजागर, कार्रवाई के निर्देश
उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर में नगरीय अल्प विकसित बस्ती विकास योजना में 12.84 करोड़ रुपये की अनियमितता मिली है। अधिकारियों ने मिलीभगत करके स्वीकृत कार्यों में बदलाव किया जैसे सड़क की लंबाई कम करना और गलत स्थानों पर निर्माण करना। सूडा निदेशक ने जिलाधिकारी को जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं क्योंकि कार्यों में भारी अनियमितता पाई गई है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। नगरीय अल्प विकसित बस्ती और मलिन बस्ती विकास योजना के संत कबीर नगर में हुए कार्यों में 12.84 करोड़ रुपये की अनियमितता पाई गई है। अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलीभगत करके परियोजना में स्वीकृत कार्यों में संशोधन कर दिया। 1100 मीटर की सड़क को 400 मीटर बनाकर छोड़ दिया।
इसके अलावा शासन से स्वीकृत स्थल की जगह अन्य जगह पर विकास कार्य कराए गए हैं। निदेशक सूडा अर्पूवा दुबे ने इस मामले में जिलाधिकारी संत कबीर नगर को पत्र लिखकर कार्रवाई की संस्तुति की है। निदेशक सूडा के अनुसार संत कबीर नगर में नगरीय अल्प विकसित बस्ती और मलिन बस्ती विकास योजना के तहत 66 कार्य चल रहे हैं।
इन कार्यों के पूरा होने पर दूसरी किस्त की मांग परियोजना अधिकारी ने की थी। इसमें अधिकारियों ने कार्यों के जो फोटोग्राफ लगाए गए थे, वह दोषपूर्ण मिले। इस आधार पर वित्त नियंत्रक, अधिशासी अभियंता और सहायक निदेशक की तीन सदस्यीय समिति से 66 में से 12 कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कराया।
जांच में पता चला कि जो भी कार्य कराए गए, वह अधिकतर अविकसित क्षेत्र, खेतों के बीच और प्लाटिंग एरिया में कराए गए हैं। यही नहीं परियोजना में स्वीकृत माप के अनुसार कार्य नहीं पाया गया।
शासन से कार्य के लिए जो स्वीकृत स्थल थे, उनसे अलग जगह पर कार्य कराया पाया गया। अधिकतर कार्यों में मौके पर नाली नहीं बनी पाई गई, या फिर फिर पहले से बनी नाली का प्लास्टर किया गया था।
सूडा निदेशक ने जांच रिपोर्ट को जिलाधिकारी को भेजकर सभी 66 कार्यों की जांच कराने के लिए कहा है। साथ ही सूडा की समिति की जांच रिपोर्ट के आधार पर अधिकारियों-कर्मचारियों पर कार्रवाई करने और उसकी रिपोर्ट सूडा भेजने के निर्देश दिए हैं।
शैक्षणिक संस्थानों में भी आज सार्वजनिक अवकाश
महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर मंगलवार (सात अक्टूबर) को सभी शैक्षणिक संस्थानों में सार्वजनिक अवकाश रहेगा। इस संबंध में शासनादेश का हवाला देते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेंद्र देव ने सभी संयुक्त शिक्षा निदेशकों और जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश जारी किए हैं।
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