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    UP: अब जल्दी पकड़े जाएंगे अपराधी, लखनऊ के यूपीएसआईएफएस में ‘क्राइम सीन मैनेजमेंट’ क्राइम सीन प्रबंधन कोर्स शुरु

    By Dharmendra PandeyEdited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Wed, 03 Dec 2025 04:55 PM (IST)

    UPSIFS:  पहले बैच में राज्य के सबसे अधिक पुलिस कर्मियों को क्राइम सीन प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कोर्स में फारेंसिक साक्ष्यों को एकत्र करने ...और पढ़ें

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    यूपीएसआईएफएस में “क्राइम सीन मैनेजमेन्ट” कोर्स का शुभारम्भ

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊः उत्तर प्रदेश में अब शातिर अपराधियों पर शिकंजा कसने की गति भी बढ़ेगी। अपराधियों को अब साक्ष्य छुपाने का मौका नहीं मिलेगा और ‍वह जल्दी ही पुलिस या अन्य जांच एजेंसियों की गिरफ्त में होंगे। अपराधियों को जल्द पकड़ने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य इंस्टिट्यूट आफ फारेंसिक साइंस में क्राइम सीन प्रबंधन कोर्स शुरू किया गया है।

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    संस्थान के संस्थापक निदेशक डॉ. जीके गोस्वामी और अपर पुलिस महानिदेशक तकनीकी सेवाएं नवीन अरोड़ा ने बुधवार को 45 दिवसीय कोर्स का शुभारंभ किया। पहले बैच में राज्य के सबसे अधिक पुलिस कर्मियों को क्राइम सीन प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कोर्स में फारेंसिक साक्ष्यों को एकत्र करने से लेकर अपराधियों को सजा दिलाने में उनकी भूमिका के बारे में पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

    क्राइम सीन मैनेजमेन्ट कोर्स में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आरक्षी मुख्य आरक्षी तथा उप निरीक्षक स्तर के 100 प्रशिक्षणार्थी भाग ले रहे हैं। संस्थापक निदेशक डॉ जी.के. गोस्वामी ने बताया कि यह कोर्स 45 दिवस का है। नये कानून के दृष्टिगत पुलिस की आज की आवश्यकताओं को देखते हुए डिजाइन किया गया है।

    उन्होंने कहा कि इस कोर्स को संस्थान के विषय विशेषज्ञों पढ़ाएंगे। डॉ. गोस्वामी ने प्रशिक्षणार्थियों को नये कानून बीएनएसएस की धारा 176(3) के संदर्भ में बताया कि सात या सात वर्ष से अधिक की सजा वाले अपराध की घटना स्थल का निरीक्षण प्रत्येक दशा में फोरेंसिक टीम के सदस्य करेंगे। इस दशा में आप का काम अति महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने कहा कि आप विवेचना की पहली धूरी होंगे। आप नीव है जहां विवेचना की बिल्डिंग खड़ी होगी । उन्होंने निठारी काण्ड में अभियुक्तों को छूटने में आयी खामियों पर भी प्रकाश डाला।

    अपर पुलिस महानिदेशक तकनीकी सेवायें, नवीन अरोरा ने प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि घटना स्थल से यदि सैम्पल सही तरीके से उठायें जाय तो कोइ निर्दोष कभी भी अपराध में नहीं फंस पायेगा न सजा पायेगा और निर्दोष को बचाना एक पूण्य काम है। उन्होंने घटना स्थल से विभिन्न प्रकार के सैंपल को अलग-अलग तरीकों से किस तरह से उठाया जाय उसके विधि पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सैंपल उठाने से लेकर उसके चेन कस्टडी में अगर कहीं भी चूक हुई तो उसका लाभ अपराधी को मिल सकता है। उन्होंने संस्थान के प्रति आभार व्यक्त करते हुए प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि ‘क्राइम सीन मैनेजमेंट का यह पहला कोर्स है और आप सभी संकल्प के साथ सर्वश्रेष्ठता का उदाहरण बनें।