UP: शिक्षकों के पास शिक्षण कार्य के साथ 42 काम, अब कुत्तों की निगरानी का फरमान
Teachers will Monitor Dogs in City: परिषदीय स्कूलों के शिक्षक केवल बच्चों को पढ़ाते ही नहीं दिखेंगे, बल्कि सड़कों पर आवारा कुत्तों की खोज और प्रभावित ...और पढ़ें

कुत्तों की गिनती करते शिक्षक (सांकेतिक तस्वीर)
जितेंद्र उपाध्याय, जागरण, लखनऊ: अर्ध वार्षिक परीक्षा के साथ मतदाता सूची के पुनरीक्षण अभियान में लगे शिक्षकों को 26 दिसंबर के बाद भी राहत नहीं मिलने वाली है। अब बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक ने शिक्षकों के लिए कुत्तों की निगरानी का नया फरमान सुना दिया है। शिक्षण के मूल कार्य के इतर पहले से ही 42 अन्य कार्यों को करने की जिम्मेदारी निभाने वाले शिक्षकों की पीड़ा को शिक्षक नेता शासन तक पहुंचाने के लिए विरोध की रणनीति में जुटे हैं।
परिषदीय स्कूलों के शिक्षक केवल बच्चों को पढ़ाते ही नहीं दिखेंगे, बल्कि सड़कों पर आवारा कुत्तों की खोज और प्रभावित स्थलों की गिनती करते हुए भी नजर आएंगे। शासन के आदेशानुसार, उच्चतम न्यायालय में दाखिल जनहित याचिका के अनुपालन में शहरी क्षेत्रों में आवारा कुत्तों की पहचान, रोकथाम और नियंत्रण के लिए विभिन्न विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। बेसिक शिक्षा विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। शिक्षा निदेशक (बेसिक) के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
पहले से कर रहे बेसहारा मवेशियों की निगरानी
शिक्षकों के पास बेसहारा मवेशियों की निगरानी समेत 42 कामों की जिम्मेदारी पहले से ही है। खातों की फीडिंग, बच्चों की फोटो अपलोड करने, हाउस होल्ड सर्वे, स्कूल चलो अभियान रैली, अभिभावक संपर्क, प्रेरणा पोर्टल पर विवरण फीडिंग, अभिभावकों के बैंक खातों की पोर्टल पर फीडिंग, मिड-डे मील की व्यवस्था, कंपोजिट ग्रांट से खरीद, एसएमसी की बैठक, पीटीए की बैठक, रसोइयों का चयन, एसएमसी खाते का प्रबंधन, मिड डे मील के खाते का प्रबंधन, बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी, जनगणना चुनाव ड्यूटी, संकुल व बीआरसी की बैठक, वित्तीय खातों का हिसाब करना, विद्यालय के अभिलेख तैयार करना, विद्यालय की रंगाई-पुताई, मिशन शक्ति के कार्यक्रम, अमृत महोत्सव कार्यक्रम, स्कूल रेडीनेस कार्यक्रम व शिक्षक डायरी भरने, कांवड़ यात्रा, बहु की सजा ड्यूटी , गौशालाओं के लिए भूसे की व्यवस्था करना, पल्स पोलियो, टीकाकरण ड्यूटी, राशन वितरण ड्यूटी, सामूहिक विवाह में बहू की मेकअप ड्यूटी, मेला ड्यूटी, भवन निर्माण, पशु गणना, पालीटेक्निक ड्यूटी व डीएलएड परीक्षा ड्यूटी के साथ ही अन्य कार्य पहले से ही कर रहे हैं।
बीएसए बोले, शासनादेश के अनुपालन कराना जिम्मेदारी
लखनऊ के बेसिक शिक्षा अधिकारी विपिन कुमार ने बताया कि आदेश जारी हुआ है या नहीं, इसकी जानकारी मुझे नहीं है। शासन की ओर से यदि आदेश मिलता है तो शिक्षकों को आवारा कुत्तों की निगरानी और पकड़ने में लगाया जाएगा। शासन के आदेश का अनुपालन करना मेरी जिम्मेदारी है।
शिक्षकों की अनावश्यक ड्यूटी उचित नहीं
प्रदेश अध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन विनय कुमार सिंह ने कहा कि कई विद्यालय ऐसे हैं जहां या तो शिक्षक नहीं हैं या फिर एकल शिक्षक की व्यवस्था है। पढ़ाई पहले से ही प्रभावित चल रही है। ऐसे में शिक्षकों की ड्यूटी आवारा कुत्तों की निगरानी व पकड़ने में लगाना उचित नहीं है। मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर शिक्षकों को शिक्षण कार्य में ही लगाने की अपील की जाएगी। ऐसा नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा।

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