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    टूट गया सब्र का बांध, दस वर्ष से मानदेय नहीं बढ़ाया गया, मध्याह्न भोजन कर्मियों का 26 को प्रदेशव्यापी धरना

    Updated: Sun, 25 May 2025 04:25 PM (IST)

    Statewide Strike By Mid day Meal Workers on 26th प्रदेश के विभिन्न जिलों में कार्यरत इन संविदा कर्मचारियों का कहना है कि वर्ष 2016 से उनका वेतन एक सम ...और पढ़ें

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    ब्यूरो: मध्यान्ह भोजन कर्मियों का कल धरना

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में कार्यरत मध्यान्ह भोजन समन्वयक व कंप्यूटर आपरेटर लगातार मानदेय में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। लगातार महंगाई के बीच में भी दस वर्ष से एक ही मानदेय पर काम कर रहे मध्यान्ह भोजन समन्वयक व कंप्यूटर आपरेटर के सब्र का बांध टूट गया है।

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    मुख्यमंत्री से मानवीय दृष्टिकोण अपनाकर शीघ्र वेतनवृद्धि की मांग करने वाले कर्मचारी अब नाराज हैं। अब नाराज कर्मचारी 26 मई को प्रदेशव्यापी धरना-प्रदर्शन करेंगे। मध्यान्ह भोजन योजना में वर्ष 2007 से कार्यरत समन्वयक और कंप्यूटर आपरेटरों ने प्रदेश सरकार से मानदेय बढ़ाने की मांग की है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में कार्यरत इन संविदा कर्मचारियों का कहना है कि वर्ष 2016 से उनका वेतन एक समान बना हुआ है, जबकि महंगाई लगातार बढ़ रही है।

    प्रदेश स्तरीय संगठन ‘मध्यान्ह भोजन समन्वयक, कंप्यूटर आपरेटर वेलफेयर एसोसिएशन’ के अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार ने बताया कि एमबीए व एमसीए जैसी उच्च डिग्रीधारी समन्वयक व आपरेटर जिलाधिकारी व मंडलायुक्त स्तर पर योजना का संचालन कर रहे हैं, फिर भी उन्हें नौ वर्षों से वेतनवृद्धि नहीं मिली है।

    संघ का दावा है कि यदि 2012 के दस प्रतिशत वार्षिक वृद्धि के प्रस्ताव को लागू रखा गया होता, तो समन्वयकों को लगभग 75 हजार और आपरेटरों को 38 हजार रुपये मासिक मानदेय मिलना चाहिए था। प्रबंधकारिणी की मंजूरी के बाद भी मानदेय में संशोधन नहीं हुआ है।

    मध्याह्न भोजन योजना के तहत कार्यरत कर्मियों को रसोइया-सहायक कहा जाता है। वे स्कूल में बच्चों को दोपहर का भोजन बनाने और परोसने का काम करते हैं। इन कर्मियों को नियमित रूप से एक निश्चित मानदेय मिलता है। इनकी नियुक्ति राज्य सरकार या जिला प्रशासन करता है। यह लोग मध्याह्न भोजन योजना के क्रियान्वयन का कार्य देखते हैं।

    रसोइया-सहायकों को मासिक मानदेय दिया जाता है, जो राज्य सरकार द्वारा तय किया जाता है। मानदेय की राशि समय-समय पर बदल सकती है। रसोइया-सहायकों का मुख्य कार्य स्कूल में बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन तैयार करना, परोसना, और साफ-सफाई करना होता है। वे भोजन की गुणवत्ता और स्वच्छता सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मध्याह्न भोजन योजना महिलाओं के लिए रोजगार का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी है।