UP: शिक्षामित्रों और अनुदेशकाें ने तेज की स्थानांतरण और मानदेय बढ़ोतरी की मांग
अपर मुख्य सचिव ने सभी मुद्दों पर गंभीरता से विचार करते हुए अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। मुलाकात के दौरान अनुदेशक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह और वाराणसी शिक्षा मित्र संघ के जिला अध्यक्ष अजय सिंह भी मौजूद रहे।

अनुदेशक संघ और शिक्षा मित्र संघ की मांग
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: प्रदेश के शिक्षामित्रों ने मानदेय बढ़ाने और स्थानांतरण प्रक्रिया लागू कराने की मांग तेज कर दी है। बुधवार को भाजपा शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक व एमएलसी श्रीचंद शर्मा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा से मुलाकात कर अपनी समस्याएं रखीं।
प्रदेश महामंत्री सुशील यादव ने बताया कि बेहद कम मानदेय के कारण कई शिक्षामित्र गंभीर बीमारियों का इलाज भी नहीं करा पा रहे हैं। इसके अलावा तीन जनवरी 2025 को जारी स्थानांतरण आदेश अभी तक लागू नहीं हुआ है, जिससे कई शिक्षामित्र 80-90 किलोमीटर दूर स्कूलों में जाने को मजबूर हैं। कई महिला शिक्षामित्र भी अपने ससुराल के पास तैनाती चाहती हैं।
प्रतिनिधियों ने शिक्षामित्र स्थानांतरण नीति को जल्द लागू करने, शिक्षक दिवस पर घोषित कैशलेस चिकित्सा योजना का शासनादेश जारी करने, मृतक शिक्षामित्रों के परिवारों को आर्थिक सहायता देने और एक आश्रित को समायोजन का अवसर देने की भी मांग उठाई। अपर मुख्य सचिव ने सभी मुद्दों पर गंभीरता से विचार करते हुए अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। मुलाकात के दौरान अनुदेशक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह और वाराणसी शिक्षा मित्र संघ के जिला अध्यक्ष अजय सिंह भी मौजूद रहे।
शिक्षामित्रों का वर्तमान मानदेय 10,000 रुपया प्रति माह है, लेकिन वे इसे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं ताकि वे महंगाई का सामना कर सकें। मानदेय बढ़ोतरी के साथ-साथ शिक्षामित्र मूल जनपद में वापस भेजने की मांग भी उठा रहे हैं। सरकार ने मानदेय बढ़ाने की मांग पर विचार करने के लिए एक कमेटी का गठन किया था, जिसने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। अब मानदेय वृद्धि का निर्णय कैबिनेट को लेना है। मानदेय बढ़ोतरी और स्थानांतरण के अलावा, शिक्षामित्रों ने आकस्मिक अवकाश और मेडिकल सुविधा की भी मांग की है।

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