उत्तर प्रदेश के शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में लग सकता है ताला, सब बड़े बकायेदार
Urban Ayushman Arogya Mandir: 15वें वित्त आयोग और प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएमअभीम) के तहत 1,687 अरबन आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्वीकृत हैं। इनमें से 1,199 क्रियाशील हैं। 15वें वित्त आयोग ने 27 अक्टूबर को इनमें से 1160 आरोग्य मंदिर के लिए 220 करोड़ रुपये अरबन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर कंपोनेंट से निकायों को जारी किया था।

शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: प्रदेश के 1199 शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर से इलाज अब मिलना बंद हो सकता है। जिन भवनों में इनका संचालन हो रहा है, उनका चार माह का किराया बकाया है।
बिजली के बिल का भी चार से पांच महीने का भुगतान नहीं किया जा रहा है। अक्टूबर में डाक्टर, सामुदायिक चिकित्सा अधिकारी, नर्स व अन्य स्टाफ का तीन-तीन माह से बाकी वेतन का भुगतान किया गया था। इसके बाद अन्य खर्चों का बजट अभी तक जारी नहीं किया गया है।
आयुष्मान आरोग्य मंदिर का उद्देश्य प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को लोगों के घर के पास ही उपलब्ध कराना था। इसमें मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, संक्रामक रोगों एवं गैर संक्रामक रोगों से संबंधित स्वास्थ्य सेवाएं मुख्य हैं। इसके अलावा ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन के माध्यम से मरीजों को चिकित्सकीय परामर्श दिया जाता है। किराया और बिजली का बिल न मिलने से इन आरोग्य मंदिर पर ताला लगने की नौबत आ गई है।
15वें वित्त आयोग और प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएमअभीम) के तहत 1,687 अरबन आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्वीकृत हैं। इनमें से 1,199 क्रियाशील हैं। 15वें वित्त आयोग ने 27 अक्टूबर को इनमें से 1160 आरोग्य मंदिर के लिए 220 करोड़ रुपये अरबन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर कंपोनेंट से निकायों को जारी किया था।
जिससे इनके संचालन को सुचारु रूप से जारी रखा जा सके, लेकिन अभी तक आरोग्य मंदिरों के किराए और बिजली बिल का भुगतान नहीं किया जा सका है। नगरीय निकाय निदेशालय के निदेशक अनुज झा का कहना है कि संचालन के लिए भुगतान क्यों नहीं हो रहा है, इसके बारे में जानकारी की जाएगी। यदि कोई समस्या आ रही है तो उसे दूर किया जाएगा।

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