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    Akhilesh Vs Yogi: मुख्यमंत्री योगी के 'दो नमूने' वाले कटाक्ष पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का पलटवार

    By Dharmendra PandeyEdited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Mon, 22 Dec 2025 04:48 PM (IST)

    Akhilesh Yadav Vs CM Yogi Adityanath: समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के "दो नमूने" वाले पर करार ...और पढ़ें

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    मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ-सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव 

    डिजिटल डेस्क, जागरण, लखनऊः मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ ने साेमवार काे विधानसभा में दिल्ली और लखनऊ के नमूनाें काे लेकर कटाक्ष किया। उनका इशारा सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर था। सपा अध्यक्ष ने भी मुख्यमंत्री के इस कटाक्ष का जवाब दिया।

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    अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ के "दिल्ली और लखनऊ में बैठे 'दो नमूने'" वाले ताने का जवाब देते हुए इसे आत्मस्वीकृति बताया। सपा मुखिया ने इशारा किया है कि बीजेपी के अंदर की फूट सामने आ गई।

    समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के "दो नमूने" वाले पर करारा जवाब दिया और कहा कि मुख्यमंत्री के सदन के अंदर के बयान ने भाजपा अंदर कथित फूट को उजागर कर दिया।

    कोडीनयुक्त कफ सीरप रैकेट को लेकर राजनीतिक खींचतान के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में विपक्षी नेताओं अखिलेश यादव और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर निशाना साधा और उन्हें नमूने कहा।

    उन्हाेंने कहा  कि देश के अंदर दो नमूने हैं। एक दिल्ली में बैठता है और दूसरा लखनऊ में। जब भी किसी मुद्दे पर कोई चर्चा होती है, तो वे तुरंत देश छोड़कर भाग जाते हैं। मुझे लगता है कि आपके 'बबुआ' के साथ भी ऐसा ही हो रहा है। वह भी फिर से इंग्लैंड की यात्रा पर देश छोड़ देगा, और आप लोग यहां चिल्लाते रहेंगे।

    मुख्यमंत्री के बयान पर अखिलेश यादव ने पलटवार किया। एक्स पर एक पोस्ट में, उन्होंने कहा कि योगी की टिप्पणी विपक्ष पर हमले से कम और सत्ताधारी पार्टी के अंदरूनी कलह को स्वीकार करने जैसी ज्यादा लग रही थी। वह एक दुखती रग पर चोट कर रहे थे। महीनों से यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि यूपी के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच सब कुछ ठीक नहीं है। "आत्म-स्वीकृति," उन्होंने ट्वीट किया।

    अखिलेश ने कहा कि किसी ने उम्मीद नहीं की थी कि दिल्ली-लखनऊ की दुश्मनी इस हद तक बढ़ जाएगी। संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को कम से कम आपस में कुछ सार्वजनिक मर्यादा बनाए रखनी चाहिए और शिष्टाचार की हदें पार नहीं करनी चाहिए। बीजेपी वालों को अपनी पार्टी की अंदरूनी लड़ाइयों को चौराहे पर नहीं लाना चाहिए। अगर कहीं कोई नाराज़ हो जाता है, तो आपको पीछे हटना पड़ सकता है।

    पिछले हफ्ते समाजवादी पार्टी प्रमुख ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि यह रैकेट प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र से शुरू हुआ था, जिससे बीजेपी की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया हुई। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने दावा किया कि इस मामले पर समाजवादी पार्टी का विधानसभा का गया हंगामा 'चोर की दाढ़ी में तिनका' जैसा है और जांच आखिरकार विपक्षी पार्टी की ओर इशारा कर सकती है।