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    UP: गुलदाउदी लगाने से घर में कम होगा वायु प्रदूषण, पाैधाराेपण पर्यावरण संरक्षण का हिस्सा

    By Gauri Trivedi Edited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Sat, 20 Dec 2025 07:52 PM (IST)

    Flower Show in NBRI Lucknow: प्रमुख सचिव (नियुक्ति एवं कार्मिक) एम. देवराज ने कहा कि गुलदाउदी वायु में मौजूद हानिकारक तत्वों को अवशोषित कर आसपास की हव ...और पढ़ें

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    सीएसआइआर–राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआइ) में गुलदाउदी- कोलियस पुष्प प्रदर्शनी

    जागरण संवाददाता, लखनऊ: बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच गुलदाउदी जैसे पुष्पीय पौधे पर्यावरण के लिए प्राकृतिक ढाल बन सकते हैं। इनकाे लगाने के घर और आसपास का वातावरण प्रदूषण से सुरक्षित रह सकता है। गुलदाउदी काे वायु प्रदूषण बचाने वाला पाैधा माना जाता है।

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    सीएसआइआर–राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआइ) में आयोजित दो दिवसीय गुलदाउदी एवं कोलियस पुष्प प्रदर्शनी–2025 का शुभारंभ पर प्रमुख सचिव (नियुक्ति एवं कार्मिक) एम. देवराज ने किया। उन्हाेंने कहा कि गुलदाउदी वायु में मौजूद हानिकारक तत्वों को अवशोषित कर आसपास की हवा को अपेक्षाकृत शुद्ध बनाए रखने में सहायक होती है। यदि इसे घरों, बालकनी और छतों पर लगाया जाए तो यह सौंदर्य के साथ-साथ प्रदूषण नियंत्रण में भी अहम भूमिका निभा सकती है।

    संस्थान के निदेशक डा. अजीत कुमार शासनी ने कहा कि गुलदाउदी जैसे पौधे शहरी जीवन में पर्यावरण संतुलन बनाए रखने का सरल और प्रभावी माध्यम हैं। उन्होंने आमजन से अपील की कि वे सजावटी पौधों को केवल शोभा तक सीमित न रखें, बल्कि उन्हें पर्यावरण संरक्षण का हिस्सा बनाएं। प्रदर्शनी के संयोजक एवं संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा के. जे. सिंह ने बताया कि इस वर्ष 95 प्रदर्शकों की कुल 671 प्रविष्टियां प्रदर्शित की गई हैं। उन्होंने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य पुष्पकृषि के प्रति जनजागरूकता बढ़ाना और आमजन को वैज्ञानिक तरीकों से जोड़ना है।

    प्रदर्शनी के पहले ही दिन लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। सुबह से ही बड़ी संख्या में शहरवासियों, विद्यार्थियों, बागवानी प्रेमियों और किसानों ने प्रदर्शनी स्थल पर पहुंचकर गुलदाउदी और कोलियस की विविध प्रजातियों को नजदीक से देखा और समझा। सेंट्रल लान में सजे रंग-बिरंगे फूलों ने दर्शकों को आकर्षित किया, जहां विभिन्न रंगों, आकारों और बनावट वाली गुलदाउदी की 75 से अधिक किस्मों ने सभी का ध्यान खींचा।

    प्रदर्शनी में आगंतुकों ने न केवल पुष्पों की सुंदरता का आनंद लिया, बल्कि उनके संवर्धन, देखभाल और व्यावसायिक उपयोग की जानकारी भी प्राप्त की। वैज्ञानिकों से प्रत्यक्ष संवाद के दौरान लोगों ने यह जाना कि गुलदाउदी को किस प्रकार घर में उगाया जा सकता है और यह पर्यावरण के लिए कैसे लाभकारी है। कई आगंतुक फूलों की बनावट, पंखुड़ियों की संरचना और रंगों की विविधता को ध्यानपूर्वक निरीक्षण करते नजर आए।

    गुलदाउदी की देखभाल कैसे करें

    गुलदाउदी को प्रतिदिन हल्की धूप और खुली हवा की आवश्यकता होती है। इसकी मिट्टी भुरभुरी और पानी के उचित निकास वाली होनी चाहिए। आवश्यकता अनुसार ही सिंचाई करें और अधिक पानी देने से बचें। समय-समय पर सूखे फूल और पत्तियों को हटाते रहें, जिससे पौधा स्वस्थ बना रहता है। जैविक खाद के प्रयोग से फूलों की संख्या और गुणवत्ता दोनों बेहतर होती हैं।

    मुख्य पुरस्कार विजेता

    बड़े फूल वाली गुलदाउदी श्रेणी में ‘प्रदर्शनी का राजा’ का पुरस्कार अंसल में सेलिब्रिटी ग्रीन्स के सौभाग्य श्रीवास्तव को प्रदान किया गया। छोटे फूल वाली गुलदाउदी श्रेणी में ‘प्रदर्शनी की रानी’ का खिताब ला मार्टिनियर कालेज, लखनऊ के अल्फ्रेड गोम्स ने प्राप्त किया। वहीं स्पाइडर गुलदाउदी श्रेणी में ‘प्रदर्शनी का राजकुमार’ का पुरस्कार देवलोक कालोनी, निलमथा निवासी मिशिका को मिला।

    कोविड के बाद रिकार्ड भागीदारी

    कोविड-19 महामारी के बाद यह पहली बार है जब गुलदाउदी एवं कोलियस पुष्प प्रदर्शनी में इतनी बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने सहभागिता की है कि। इस वर्ष 95 प्रदर्शकों की 671 प्रविष्टियों का शामिल होना पुष्पकृषि और बागवानी के प्रति बढ़ते उत्साह को दर्शाता है।