UP News: वाराणसी-प्रयागराज आर्थिक क्षेत्र से चमकेगी पूर्वांचल की तस्वीर, कृषि के साथ ही बागवानी व डेयरी उद्योग को बढ़ावा
नीति आयोग ने पूर्वांचल में वाराणसी-प्रयागराज आर्थिक क्षेत्र बनाने का सुझाव दिया है जिससे पूर्वांचल की तस्वीर चमकने की उम्मीद है। इस क्षेत्र को धार्मिक ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। नीति आयोग ने पूर्वांचल में वाराणसी-प्रयागराज आर्थिक क्षेत्र बनाने का सुझाव दिया है। इससे पूर्वांचल की तस्वीर चमकने की बात कही जा रही है। इसे धार्मिक, आध्यात्मिक पर्यटन के साथ ही कला व संस्कृति का प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इस क्षेत्र को मैन्युफैक्चरिंग व लॉजिस्टिक का हब भी बनाने का प्रस्ताव है। कृषि के साथ ही बागवानी व डेयरी उद्योग को भी यहां बढ़ावा दिया जाएगा।
ग्रोथ हब कार्यक्रम में दिया गया सुझाव
नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने शुक्रवार को ग्रोथ हब कार्यक्रम के तहत मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के समक्ष वाराणसी-प्रयागराज आर्थिक क्षेत्र का प्रस्तुतीकरण दिया। इस क्षेत्र को धार्मिक, आध्यात्मिक नगरी के साथ ही योग, स्वास्थ्य व वेलनेस सिटी के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया गया है।
इसे इस तरह विकसित किया जाए ताकि लोगों का स्वास्थ्य बेहतर हो सके। यहां आकर लोग शरीर, मन और आत्मा से स्वस्थ महसूस कर सकें। साथ ही विदेशी व घरेलू पर्यटक कम से कम तीन से पांच दिन यहां जरूर ठहरें।
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कुल सात जिलों को शामिल करने की योजना
इस आर्थिक क्षेत्र में कुल सात जिलों को शामिल करने की योजना है। इसमें चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, मीरजापुर, प्रयागराज, भदोही व वाराणसी जिले शामिल हैं। इसका दायरा 22,393 वर्ग किलोमीटर होगा।
नीति आयोग का मानना है कि इस क्षेत्र के विकसित होने से पांच वर्ष में अर्थव्यवस्था दोगुनी हो सकती है। आयोग ने बताया कि वर्तमान में इन सात जिलों की 2300 करोड़ डालर की अर्थव्यवस्था है। वर्ष 2030 तक यहां की अर्थव्यवस्था पांच से छह हजार करोड़ डालर होने की संभावना है।
इस क्षेत्र के विकास में केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से 40 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे जबकि दो लाख करोड़ रुपये निजी क्षेत्रों से यहां आने की संभावना है। नया क्षेत्र बनने से आर्थिक गतिविधियां तेजी से बढ़ेगी और यहां रहने वालों के लिए रोजगार के नए द्वार खुलेंगे।
तीन से चार नए शहर बसेंगे
नीति आयोग ने जो प्रस्ताव दिया है उसके अनुसार इस क्षेत्र में तीन से चार नए शहर भी बसाए जाएंगे। आयोग का मानना है यहां पर मैन्युफैक्चरिंग व लॉजिस्टिक का हब बनने से रोजगार के अवसर भी तेजी से बढ़ेंगे। इस पूरे क्षेत्र को विकसित करने के लिए चार हजार एकड़ भूमि की भी जरूरत होगी। आयोग ने यहां के लिए 21 प्रोजेक्ट भी सुझाए हैं।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होगी गवर्निंग बॉडी
नीति आयोग ने वाराणसी-प्रयागराज आर्थिक क्षेत्र विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गवर्निंग बॉडी बनाने का सुझाव दिया है। इसमें संबंधित विभागों के मंत्री भी शामिल रहेंगे। मुख्यमंत्री के रहने से यहां के काम में भी तेजी आएगी।

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