UP:समग्र शिक्षा में आउटसोर्सिंग की भर्ती प्रक्रिया सुस्त, चार वर्ष बाद भी जिलों में पद खाली
OutSource Recruitment Process: शासन ने साफ कहा है कि इन पदों पर चयन न होने से समग्र शिक्षा के कई काम प्रभावित हो रहे हैं और फील्ड स्तर पर अनुश्रवण व रिपोर्टिंग की गति भी प्रभावित हुई है।

समग्र शिक्षा अभियान
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: समग्र शिक्षा के तहत ब्लाक स्तर पर चल रही आउटसोर्सिंग भर्तियों की धीमी गति पर शासन ने सख्त नाराजगी जताई है।
एमआइएस को-आर्डिनेटर, क्वालिटी को-आर्डिनेटर, सहायक लेखाकार और कंप्यूटर आपरेटर जैसी नियुक्तियों को चार वर्ष बीत जाने के बाद भी कई जिलों में पूरा नहीं किया गया है। शासन ने साफ कहा है कि इन पदों पर चयन न होने से समग्र शिक्षा के कई काम प्रभावित हो रहे हैं और फील्ड स्तर पर अनुश्रवण व रिपोर्टिंग की गति भी प्रभावित हुई है।
अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी करते हुए निर्देश दिए हैं कि वर्ष 2021 से अब तक कई शासनादेशों और निर्देशों के बावजूद जिलों ने शत-प्रतिशत चयन प्रक्रिया पूरी नहीं की है। राज्य परियोजना कार्यालय की ओर से बार-बार पत्र जारी किए गए, समीक्षा बैठकें भी हुईं, लेकिन कई जिलों में अभी भी पद खाली हैं।
जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि अपने जिले में सभी रिक्त पदों की समीक्षा कर 30 नवंबर तक हर हाल में चयन प्रक्रिया पूरी करें। ताकि समग्र शिक्षा के सभी कार्य बिना बाधा के चल सकें और ब्लाक स्तर पर डेटा प्रबंधन व गुणवत्ता से जुड़ी गतिविधियों को गति मिले।
इसके साथ ही शासन ने यह भी कहा है कि प्रगति रिपोर्ट समय पर भेजी जाए, ताकि राज्य स्तर पर निगरानी हो सके। अपर मुख्य सचिव के निर्देश के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने इसकी प्रक्रिया तेज कर दी है।
पुनर्निर्धारित समग्र शिक्षा योजना का उद्देश्य स्कूली शिक्षा तक पहुंच को सार्वभौमिक बनाना, वंचित समूहों और कमजोर वर्गों को शामिल करके समानता को बढ़ावा देना और पूर्व-प्राथमिक से कक्षा 12 तक स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है।

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