Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    UP News : उत्तर प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत 50% से अधिक छोटे कद के बच्चे चिंता का विषय, संसद में चर्चा

    Updated: Wed, 30 Jul 2025 01:43 PM (IST)

    Children Registered in Anganwadi Centres in Uttar Pradesh पोषण ट्रैकर की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के लिए ये स्थिति चिंताजनक है। छोटे कद एक प्रकार से दीर्घकालिक कुपोषण के कारण होता है। जब बच्चों को लंबे समय तक पर्याप्त पोषण नहीं मिलता है तब उनका शारीरिक विकास बाधित हो जाता है।

    Hero Image
    आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत 50 फीसदी से अधिक बच्चे बौने

    अमित यादव, जागरण, लखनऊ : उत्तर प्रदेश के 34 जिलों के आंगनबाड़ी केंद्रों में नामांकित पांच वर्ष तक के बच्चे छोटे कद का शिकार हैं। इन सभी जिलों में छोटे कद का स्तर 50 प्रतिशत से ऊपर है। चित्रकूट जिला 59.58 प्रतिशत बच्चों के साथ देश में तीसरे नंबर है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    महिला एवं बाल विकास मंत्रालय विभाग की राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने संसद में 25 जुलाई को बिहार से सीपीआइ के सांसद सुदामा प्रसाद और टीडीपी के सांसद श्रीभरत मथुकुमिलि के सवालों के जवाब में जो जानकारी दी उसमें ये तथ्य उजागर हुए हैं। केंद्रीय मंत्री सावित्री ठाकुर ने संसद में जो रिपोर्ट पेश की है उसके अनुसार, हापुड़, मुजफ्फरनगर, सोनभद्र, मीरजापुर, फर्रुखाबाद, उन्नाव, कौशांबी, मैनपुरी, सुलतानपुर, गाजीपुर, बाराबंकी, पीलीभीत, बदायूं, प्रतापगढ़, गोंडा, सिद्घार्थनगर, हरदोई, फतेहपुर, आगरा, ललितपुर, महोबा, लखनऊ, रायबरेली, मुरादाबाद सहित 34 जिलों की आंगनबाड़ी में पंजीकृत बच्चे छोटे कद के शिकार हैं।

    पोषण ट्रैकर की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश के लिए ये स्थिति चिंताजनक है। छोटे कद एक प्रकार से दीर्घकालिक कुपोषण के कारण होता है। जब बच्चों को लंबे समय तक पर्याप्त पोषण नहीं मिलता है तब उनका शारीरिक विकास बाधित हो जाता है। ऐसे में उनकी लंबाई नहीं बढ़ती, शरीर का वजन भी कम हो जाता है। ऐसे बच्चों के पोषण के लिए सरकार विशेष अभियान चलाती है। आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों को पोषण उपलब्ध कराया जाता है।

    केंद्र की रिपोर्ट के इतर बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की निदेशक सरनीत कौर ब्रोका ने हाल ही में एक रिपोर्ट में दावा किया है कि संभव अभियान 4.0 में प्रदेश के 0-6 वर्ष के बच्चों में कुपोषण की स्थिति में सुधार हुआ है। अभियान की सफलता को देखते हुए सरकार ने सात जुलाई से संभव अभियान 5.0 की शुरुआत की है।

    यह दस जिले हैं सबसे ऊपर

    जिला          छोटे कद    कम वजन   तीव्र कुपोषित

    चित्रकूट         59.44       29.14          7.20

    बांदा             59.33       29.60          5.38

    संभल            56.79        22.93         4.37

    फिरोजाबाद    56.37       20.66          3.84

    जौनपुर          54.89       22.54          5.63

    हमीरपुर         54.72       24.43          6.16

    बरेली             54.49        20.15          3.38

    अमरोहा        53.76        23.99          5.68

    सीतापुर         53.58       19.51          4.03

    एटा              53.47       19.50           3.39

    नोट : सभी आंकड़े प्रतिशत में हैं।