UP News: श्री अन्न की खेती व प्रसंस्करण पर सरकार का जोर, 186 करोड़ होंगे खर्च; 2.5 लाख किसान होंगे लाभान्वित
किसानों के बीच निशुल्क वितरित की जाने वाली मिनीकिट में ज्वार बाजरा सांवा कोदो मडुआ या रागी के तीन-तीन किग्रा और रामदाना के एक किग्रा के बीज होंगे। चालू वित्तीय वर्ष में 37 हजार किसानों के बीच मिनीकिट का वितरण होगा।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो: अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष को बड़े अवसर के रूप में देख रही प्रदेश सरकार ने मोटे अनाज (श्री अन्न) की खेती, प्रसंस्करण और इसके उपभोग को लेकर वृहद कार्य योजना तैयार की है। योजना के तहत अगले चार वर्षों में श्री अन्न की खेती व प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए 186.26 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे।
वर्ष 2026-27 तक चलने वाली मिलेट्स पुनरोद्धार योजना से 2.5 लाख किसानों को सीधे तौर पर लाभान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इन किसानों के बीच 2.5 लाख मिनीकिट का वितरण किया जाएगा और अगले चार वर्षों में 77 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि पर श्री अन्न की खेती का लक्ष्य हासिल किया जाएगा।
किसानों के बीच निशुल्क वितरित की जाने वाली मिनीकिट में ज्वार, बाजरा, सांवा, कोदो, मडुआ या रागी के तीन-तीन किग्रा और रामदाना के एक किग्रा के बीज होंगे। चालू वित्तीय वर्ष में 37 हजार किसानों के बीच मिनीकिट का वितरण होगा।
वहीं, वित्तीय वर्ष 2024-25 में 54 हजार, 2025-26 में 71 हजार और 2026-27 में 88 हजार किसानों के बीच निशुल्क मिनीकिट बांटी जाएंगी। योजना के अंतर्गत खेती के साथ-साथ प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना पर भी सरकार का जोर होगा। मोटे अनाज के प्रसंस्करण, पैकेजिंग सह विपणन केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे। मिलेट्स के मोबाइल आउटलेट एवं स्टाेर की स्थापना के लिए भी लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
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