UP: विकसित भारत 2047 के लक्ष्य में उत्तर प्रदेश की निर्णायक भूमिका: ब्रजेश पाठक
UP@2047 Conclave: उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा संकल्प है कि 2047 तक उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता को वही अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हों, जो आज केवल महानगरों में मिलती हैं। हमारी कोशिश है कि एडवांस मेडिकल सुविधाएं जिले और तहसील स्तर तक पहुंचें और उत्तर प्रदेश विकसित भारत के स्वास्थ्य मॉडल का नेतृत्व करे।

विकसित उत्तर प्रदेश @ 2047 सम्मेलन में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: विकसित उत्तर प्रदेश @ 2047 सम्मेलन का आयोजन सोमवार को लखनऊ में आयोजित किया गया। सम्मेलन में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्धारित विकसित भारत 2047 के विजन को साकार करने में उत्तर प्रदेश की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा आयोजित इस कॉन्क्लेव में नीति आयोग, नियोजन विभाग, फिक्की तथा चैंबर ऑफ कॉमर्स के विशेषज्ञों ने भी भाग लिया।
विकसित उत्तर प्रदेश कॉन्क्लेव में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आठ वर्ष में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं। आज प्रदेश में 25,000 से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिर, 3500 से अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 200 से अधिक विशिष्ट अस्पताल, तथा 81 मेडिकल कॉलेज सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। एंबुलेंस सेवा 102/108 का रेस्पॉन्स टाइम कम किया गया है, जिससे आपातकालीन सेवाओं की गति और दक्षता बढ़ी है। उन्होंने बताया कि सरकार संस्थागत प्रसव दर को बढ़ाते हुए मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने पर निरंतर कार्य कर रही है। विभिन्न स्वास्थ्य सेवाएं अब जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) पर उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों को बड़ी राहत मिली है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा संकल्प है कि 2047 तक उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता को वही अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हों, जो आज केवल महानगरों में मिलती हैं। हमारी कोशिश है कि एडवांस मेडिकल सुविधाएं जिले और तहसील स्तर तक पहुंचें और उत्तर प्रदेश विकसित भारत के स्वास्थ्य मॉडल का नेतृत्व करे। राज्य मंत्री, चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य मयंकश्वर शरण सिंह ने कहा कि विकसित उत्तर प्रदेश ही विकसित भारत का मार्ग प्रशस्त करेगा और इसमें स्वास्थ्य क्षेत्र की भूमिका निर्णायक रहेगी। उन्होंने कहा कि आर्थिक प्रगति का आधार स्वस्थ जनसंख्या है और इसी दिशा में प्रदेश सरकार निरंतर सुधार कर रही है। सम्मेलन में राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं, दवा आपूर्ति, स्वास्थ्य सेवाओं में एआइ का इस्तेमाल पर विशेषज्ञों ने चर्चा की। कहा कि आर्थिक प्रगति का आधार स्वस्थ जनसंख्या है और इसी दिशा में प्रदेश सरकार निरंतर सुधार कर रही है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी व जीएन सिंह, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य अमित कुमार घोष, प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार, सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य ऋतु महेश्वरी, सचिव स्वास्थ्य एवं निदेशक एनएचएम पिंकी जोवेल, सचिव चिकित्सा शिक्षा एवं महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा अपर्णा यू, महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य रतनपाल सुमन, विशेष सचिव धीरेन्द्र सचान तथा आर्यका अखौरी सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी एवं विशेषज्ञ उपस्थित रहे।
सभी अस्पतालों में एचएमआइएस जरूरी
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) की संयुक्त सचिव डा़ ज्योति यादव ने डाटा संचालित डिजिटल स्वास्थ्य देखभाल और एआइ विषय पर कहा कि सभी अस्पतालों में हेल्थ मैनेजमेंट इंफारमेंशन सिस्टम (एचएमआइएस) होना चाहिए। इससे मरीजों से सबंधित आंकड़े एक जगह पर रहते हैं। इलाज से संबंधित दस्तावेज आनलाइन उपलब्ध रहने से मरीजों को उन्हें साथ नहीं रखना पड़ता है, डाक्टर को भी किसी भी अस्पताल में एक क्लिक पर सभी जानकारी मिल जाती हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल सेवाओं का बुनियादी ढांचा ऐसा होना चाहिए की उसे मरीज या फिर जरूरत पढ़ने पर संबंधित डाक्टर ही देख सके। इसे डाटा के दुरुपयोग की संभावना कम रहती है। एसएस इनोवेशंस इंटरनेशनल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रीनिवास रेड्डी ने कहा कि सरकार को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) माडल पर सरकारी अस्पतालों में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा शुरू करानी चाहिए। इसमें रोबोटिक सर्जन देश के किसी भी हिस्से में बैठकर छोटे शहरों में भी मरीजों की सर्जरी कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि देश का पहला रोबोट ''मंत्रा'' नाम से एसएस इनोवेशंस इंटरनेशनल ने बनाया है। केजीएमयू ने दो मंत्रा रोबोट खरीदे हैं। इसके अलावा बरेली, मुरादाबाद, कानपुर में निजी अस्पतालों ने भी रोबोट खरीदे हैं। ये पूरी तरह से मेड इन इंडिया हैं।

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