UP: लेखपाल भर्ती में आरक्षण विसंगति पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नाराज, त्रुटि व लापरवाही बर्दाश्त नहीं
UP News: मुख्यमंत्री ने कहा आरक्षण प्रविधानों में किसी भी प्रकार की त्रुटि व लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद राजस्व परि ...और पढ़ें

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी नाराजगी जताई
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लेखपाल भर्ती के विज्ञापन में आरक्षण विसंगति पर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने राजस्व परिषद को चेतावनी देते हुए राजस्व लेखपाल सहित सभी भर्तियों में पूरी तरह से आरक्षण के प्रविधानों का पालन करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा आरक्षण प्रविधानों में किसी भी प्रकार की त्रुटि व लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद राजस्व परिषद अब भर्ती को लेकर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को दोबारा संशोधित अधियाचन भेजेगा।
लेखपालों की भर्ती के विज्ञापन में आरक्षण की विसंगतियों को लेकर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा था। उन्होंने पत्र में स्पष्ट किया है कि लेखपालों के 7994 रिक्त पदों पर 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू करने पर पदों की कुल संख्या 2158 होनी चाहिए, लेकिन विज्ञापन में ओबीसी के लिए कुल 1441 पद दर्शाए गए हैं।
लेखपाल के स्थाई पदों की कुल संख्या में श्रेणीवार अनारक्षित (सामान्य) 4185 पद, अनुसूचित जाति के 1446, अनुसूचित जनजाति के 150 अन्य पिछड़ा वर्ग के 1441 तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए 792 पद आरक्षित किए गए हैं। अन्य वर्गों के आरक्षण में कोई कटौती नहीं की गई है, सिर्फ ओबीसी वर्ग के आरक्षण में कटौती की गई है।
मुख्यमंत्री ने सभी विभागीय प्रमुखों को चेतावनी दी है कि सरकारी भर्तियों में आरक्षण व्यवस्था का अक्षरशः पालन न करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसी त्रुटियां शासन के स्तर पर स्वीकार नहीं होंगी। युवाओं के भविष्य से जुड़ी भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता, जवाबदेही और कानून सम्मत आचरण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
राजस्व लेखपाल के 7994 पदों के लिए 16 दिसंबर विज्ञापन जारी किया था। इस विज्ञापन में विसंगतियां मिलने के बाद यह मामला प्रकाश में आया। इस गड़बड़ी की अभी तक की जांच में यह बात सामने आई है कि राजस्व परिषद को जिलों से भेजे गए श्रेणीवार आंकड़ों में विसंगतियां थीं, जिन्हें सुधारे बिना विज्ञापन प्रकाशित करा दिया गया था।
राजस्व परिषद की सचिव कंचन वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद परिषद ने प्राथमिकता से सभी आंकड़ों की समीक्षा शुरू कर दी है। श्रेणीवार कार्यरत एवं रिक्त पदों की गणना को दोबारा सत्यापित किया जा रहा है। आयोग को संशोधित अधियाचन भेजे जाने के बाद भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और आरक्षण प्रविधानों के पूर्ण अनुपालन के साथ पूरी कराई जाएगी।

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