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    UP News: सीएम योगी आदित्यनाथ बोले-आईटीआई में बनाएं काउंसिलिंग सेल, तीन विभाग मिलकर लगाएं रोजगार मेला

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 02:56 PM (IST)

    Counseling cell in ITI प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (पीईटी) में 25 लाख से अधिक युवा शामिल हुए हैं। अब यह सुनिश्चित करना है कि अभ्यर्थियों को विभिन्न विभागों में नौकरी मिले। युवाओं के स्केल को स्किल से जोड़ देंगे तो हर हाथ को काम मिलेगा।

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    रविवार को लोक भवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए अब हर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) में करियर काउंसिलिंग सेल खोला जाना चाहिए। इन काउंसिलिंग सेल के जरिये छात्रों को पढ़ाई के साथ ही उद्योग, बाजार और विदेशों की मांग के अनुसार प्रशिक्षण दिलाया जाए।

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    उन्होंने कहा कि देश-विदेश और राज्य में किस तरह का मैनपावर चाहिए, इसका आकलन कर युवाओं को उसी के अनुरूप स्किल कराया जाए। इसके लिए इंडस्ट्री से लगातार संवाद रखते हुए और नई-नई तकनीकों जैसे रोबोटिक्स, ड्रोन व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक की ट्रेनिंग दिलाने की जरूरत है। साथ ही युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने के लिए व्यावसायिक व कौशल विकास, श्रम सेवा योजन और एमएसएमई विभाग को मिलकर रोजगार मेला लगाना चाहिए। लक्ष्य है कि 2047 तक हर युवा हुनरमंद बनकर आत्मनिर्भर भारत के मिशन में अपनी भूमिका निभा सके।

    मुख्यमंत्री रविवार को लोक भवन में व्यावसायिक और कौशल विकास विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में आइटीआइ में चयनित 1510 नवनियुक्त अनुदेशकों को नियुक्ति पत्र वितरित किया। उन्होंने यह भी कहा कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की प्रारंभिक अर्हता परीक्षा (पीईटी) में 25 लाख से अधिक युवा शामिल हुए हैं। अब यह सुनिश्चित करना है कि अभ्यर्थियों को विभिन्न विभागों में नौकरी मिले। युवाओं के स्केल को स्किल से जोड़ देंगे तो हर हाथ को काम मिलेगा।

    उन्होंने कहा कि आज योग्यता के आधार पर पारदर्शी नियुक्तियां हो रही हैं। पिछले आठ वर्षों में 8.50 लाख युवाओं को सरकारी और 60 लाख से अधिक युवाओं को निजी क्षेत्रों में रोजगार मिला है। इनमें से 14 लाख युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण के जरिये नौकरी मिली है। वर्ष 2017 से पहले प्रदेश के युवाओं को पहचान का संकट झेलना पड़ता था। यूपी को ‘बीमारू राज्य’ कहा जाता था और सरकारी नौकरियों में सिफारिश और लेनदेन हावी रहता था, लेकिन आज प्रदेश देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले आठ वर्ष में सरकारी, निजी और स्वरोजगार हर क्षेत्र में तरक्की हुई है। आज युवा उद्यमी योजना के तहत युवाओं को पांच लाख रुपये तक का बगैर ब्याज का लोन दिया जा रहा है। इससे स्वरोजगार और स्टार्टअप को भी बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने नवनियुक्त अनुदेशकों को बधाई देते हुए अपेक्षा जताई कि वे ईमानदारी से अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे और युवाओं को हुनरमंद बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे।

    लोक भवन में मुख्यमंत्री ने 11 अनुदेशकों को मंच से नियुक्ति पत्र दिए, जबकि बाकी अनुदेशकों को जिलों में जनप्रतिनिधियों ने पत्र वितरित किए। कुछ अनुदेशकों ने मंच से अपने अनुभव साझा करते हुए आयोग की पारदर्शी चयन प्रक्रिया की सराहना की। इस अवसर पर मंत्री कपिल देव अग्रवाल के साथ एमएलसी अवनीश कुमार सिंह, लालजी वर्मा निर्मल, मुकेश शर्म, विधायक नीरज बोरा, कार्यवाहक मुख्य सचिव व अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार, प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

    341 अनुदेशकों का परिणाम जल्द

    कार्यक्रम में व्यावसायिक व कौशल विकास मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के 286 राजकीय आइटीआइ में 92 ट्रेड संचालित हैं, जिनमें 1,84,280 सीटें उपलब्ध हैं। यहां कुल 7768 अनुदेशक पद स्वीकृत हैं, जिनमें 6577 नियमित और 1191 आउटसोर्सिंग पर हैं। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ चयन सेवा आयोग की ओर से वर्ष 2022 में आइटीआइ में अनुदेशकों के रिक्त 2406 पदों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। इनमें से 1510 पदों पर नियुक्ति पत्र वितरित हो चुके हैं, जबकि 341 पदों का परिणाम जल्द घोषित होगा। कभी आइटीआइ को दोयम दर्जा माना जाता था, लेकिन आज दुनिया भर में इसकी मांग है। यदि युवा प्रशिक्षण लेकर ईमानदारी से काम करें तो उन्हें रोजगार मिलने से कोई नहीं रोक सकता।

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