UP News: बसपा मुखिया मायावती के पास है भाजपा को हराने की Trick!, मुसलमानों को दी इन पार्टियों से मोहभंग करने की सलाह
BSP Meeting in Lucknow: मुस्लिम समाज भाईचारा संगठन की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि मुस्लिम समाज को एकजुटता के साथ करने के साथ उसको सपा व कांग्रेस आदि पार्टियों से भी दूर करना होगा। उन्होंने कहा कि लोगों से कहना होगा कि उनका सीधे बसपा को ही समर्थन जरूरी है, जिससे भाजपा की घातक राजनीति को चुनाव में हराया जा सके।

मुस्लिम समाज भाईचारा संगठन की बैठक में बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी उत्तर प्रदेश में वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव भी अकेले ही लड़ेगी। बसपा सुप्रीमो मायावती नौ अक्टूबर के बाद लखनऊ में लगातार बैठक कर हर वर्ग के बीच पकड़ मजबूत करने के प्रयास में हैं। वह लगातार बैठकें कर रही है।
लखनऊ में बुधवार को उन्होंने अपनी ताकत बढ़ाने को पार्टी के नेता और पदाधिकारियों को मुस्लिमों के बीच पकड़ बनाने की कोशिश तेज करने की सलाह दी। मायावती ने कहा कि इससे समाज में यह संदेश दिया जाएगा कि केवल बसपा ही भाजपा को हरा सकती है।
पार्टी के मुस्लिम समाज भाईचारा संगठन की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि मुस्लिम समाज को एकजुटता के साथ करने के साथ उसको सपा व कांग्रेस आदि पार्टियों से भी दूर करना होगा। उन्होंने कहा कि लोगों से कहना होगा कि उनका सीधे बसपा को ही समर्थन जरूरी है, जिससे भाजपा की घातक राजनीति को चुनाव में हराया जा सके।
मायावती ने कहा कि पुराने चुनावों का अनुभव है कि मुस्लिम समाज के एकतरफा समर्थन व वोट देने के बावजूद सपा भी भाजपा को हराने में नाकाम रही थी। उन्होंने भाईचारा कमेटियों के कोआर्डिनेटर को समाज के बीच जाकर यह संदेश पहुंचाने और पार्टी की नीतियों का प्रचार करने के निर्देश दिए।
राज्य मुख्यालय में हु़ई बैठक में बसपा सुप्रीमो ने कहा कि प्रदेश के सभी 18 मंडलों में दो-सदस्यीय मुस्लिम भाईचारा संगठन का गठन किया गया है। ये दोनों मंडल स्तरीय कोआर्डिनेटर अपने मंडल में प्रत्येक विधानसभा वार मुस्लिम समाज के बीच छोटी-छोटी बैठकें करें और उन्हें बसपा में जोड़ने का कार्य करें। कैडर आधारित इन बैठकों में लोगों को बसपा के मिशन के बारे में बताने के साथ उनको पार्टी का सदस्य जरूर बनाया जाए। उनको चार बार की सरकार में किए कार्यों, उपलब्धियों की जानकारी दी जाए।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि बसपा ने पार्टी और सरकार के रूप में हमेशा मुस्लिम समाज के हितों के साथ हर स्तर पर भागीदारी और सुरक्षा सुनिश्चित की है। जातिवाद व सांप्रदायिकता को काफी हद तक खत्म किया। जबकि दूसरी पार्टियों के लोग मुस्लिम समाज को केवल वोट के स्वार्थ के लिये इस्तेमाल करते हैं और सरकार बनने पर भुला देते हैं।
वर्ष 2022 के विधान सभा चुनाव और उससे पहले के चुनावों से यह स्पष्ट है कि यूपी में मुस्लिमों के पूरे समर्थन के बाद भी सपा व कांग्रेस आदि भाजपा को नहीं हरा पा रहे हैं। दूसरी तरफ मुस्लिम समाज का काफी कम समर्थन मिलने पर भी बसपा ने भाजपा को परास्त करके दिखाया है और वर्ष 2007 में तो बहुमत की सरकार भी बनाई है। हकीकत में सपा व कांग्रेस आदि के गलत कार्यकलापों से ही भाजपा यूपी में मजबूत हुई है। लगभग हर चुनाव में सपा व कांग्रेस आदि पूरी ताकत भाजपा को नहीं बल्कि बसपा को हराने में ही लगी रही है।
शमसुद्दीन राईन पर कार्रवाई का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सपा-कांग्रेस जैसी विरोधी पार्टियों के घिनौने हथकंडों के साथ पार्टी में कुछ स्वार्थी व अवसरवादी लोगों की चुनौती का सामना करना पड़ता है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी करनी पड़ती है। इसका ताजा उदाहरण ‘शमसुद्दीन राईन‘ हैं। बैठक में मायावती के भतीजे और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक आकाश आनंद भी शामिल हुए। मुस्लिम समाज के बाद बसपा प्रमुख ने पहली नवंबर को ओबीसी समाज को लेकर बैठक बुलाई है।

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