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    शिक्षा में नवाचार से विकसित UP का खाका तैयार, युवा को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में लाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता

    By Vivek Rao Edited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Thu, 20 Nov 2025 06:52 PM (IST)

    UP Government Initiative for Education: योजना भवन में गुरुवार को आयोजित सम्मेलन में मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि विकसित भारत 2047 की सबसे बड़ी ताकत उत्तर प्रदेश की युवा आबादी है और इस युवा शक्ति को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

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    योजना भवन में शिक्षा में नवाचार, प्रगति का आधार विकसित उत्तर प्रदेश @2047 विषय पर सम्मेलन में मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी , अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा व अन्य । फोटो : सूचना विभाग

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक विकसित राज्य के रूप में स्थापित करने के विजन को साकार करने के लिए आयोजित राज्य स्तरीय सम्मेलन ‘शिक्षा में नवाचार, प्रगति का आधार विकसित उत्तर प्रदेश @2047’ में व्यापक रणनीति तय की गई।

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    सम्मेलन में नीति आयोग, वैश्विक संस्थाओं, शिक्षा विशेषज्ञों और अधिकारियों ने इस बात पर सहमति जताई कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, तकनीकी नवाचार, सीखने के बेहतर परिणाम और शिक्षकों की क्षमता वृद्धि ही विकसित यूपी की सबसे मजबूत नींव बनेंगे। यह भी साझा किया गया कि स्मार्ट क्लासरूम, ई-लर्निंग प्लेटफार्म, डिजिटल कंटेंट और शिक्षक प्रशिक्षण जैसी सुधारात्मक पहलें अब जमीनी स्तर पर प्रभाव दिखा रही हैं और शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव ला रही हैं।

    योजना भवन में गुरुवार को आयोजित सम्मेलन में मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि विकसित भारत 2047 की सबसे बड़ी ताकत उत्तर प्रदेश की युवा आबादी है और इस युवा शक्ति को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
    मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार प्रो. डीपी सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि विकसित यूपी केवल सरकारी लक्ष्य नहीं, बल्कि समाज, शिक्षा जगत और नीति-निर्माताओं का साझा संकल्प है, जिसके लिए शिक्षा में भारी निवेश और नवाचार आवश्यक है।

    बेसिक व माध्यमिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि विकसित प्रदेश का सपना तभी पूरा होगा, जब शिक्षा व्यवस्था पारदर्शिता, गुणवत्ता और सभी को समान अवसर देने की सोच पर आधारित हो। उन्होंने शिक्षकों के सतत प्रशिक्षण, वैश्विक शिक्षण पद्धति और बुनियादी सीखने के परिणामों में सुधार को यूपी के शिक्षा सुधार अभियान की मजबूत आधारशिला बताया।

    महानिदेशक स्कूल शिक्षा मोनिका रानी ने कहा कि यह वह दौर है, जहां तकनीकी हस्तक्षेप, डिजिटल कंटेंट, कौशल आधारित शिक्षण और अंतरराष्ट्रीय अनुभव शिक्षा प्रणाली की पहचान बन चुके हैं। कार्यक्रम में यूनिसेफ, लैंग्वेज एंड लर्निंग फ़ाउंडेशन, भारती एयरटेल फाउंडेशन, प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन, सेंट्रल स्क्वेअर फाउंडेशन, एजुकेट गर्ल्स फाउंडेशन, सेंटर फार सिविल सोसाइटी और नेल्को (टाटा समूह) के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।