लखनऊ, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद अपने छोटे काश्तकारों का भी ध्यान रखेगा। लखनऊ में जेल रोड स्थित नई टाउनशिप के लिए जमीन को लैंड पूलिंग करके किसानों से करीब करीब ले चुका है। करीब पौने तीन सौ एकड़ की नई टाउनशिप के लिए सत्तर फीसद जमीन लेने के बाद अब उन बिल्डरों पर ध्यान केंद्रित किया है, जिन्होंने किसानों से जमीन खरीदकर प्लाटिंग कर दी है।
यह भूखंड एक हजार से लेकर तीन हजार वर्ग फीट तक हैं। इनकी जमीनें को भी परिषद ने लेना शुरू कर दिया है। ऐसे छोटे काश्तकारों से परिषद जमीन लेगा और विकसित करने के बाद एक चौथाई दे देगा। हालांकि जिन काश्तकारों को ढाई सौ वर्ग फीट का भूखंड मिल रहा होगा, उन्हें परिषद छह सौ वर्ग फीट से ज्यादा देगा और जो जमीन का अंतर आएगा, उसे काश्तकार को परिषद के रेट पर पैसा देना होगा। यह सहूलियत सिर्फ छोटे काश्तकारों के लिए रहेगी।
अपर आवास आयुक्त व सचिव नीरज शुक्ला ने बताया कि जमीन लैंड पूलिंग करने वाला आवास विकास परिषद प्रदेश में पहली सरकारी संस्था जो लखनऊ में लैंड पूलिंग योजना को अमली जामा पहनाने का काम कर रहा है। अभी तक प्राधिकरणों द्वारा कई बार लैंड पूलिंग योजना को विकसित करने का प्रयास किया गया, लेकिन सफल नहीं हो सके। परिषद इस काम में काफी आगे बढ़ गया है।
उम्मीद है कि आने वाले चंद माह में नई टाउनशिप को आम पब्लिक के बीच लांच किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि लैंड पूलिंग योजना के तहत किसान की कुल जमीन लेकर उसे विकसित किया जाता है और संबंधित भूखंड पर मूलभूत सुविधाएं विकसित करने के बाद किसान को एक चौथाई जमीन वापस कर दी जाती है। किसान उस जमीन को परिषद के रेट पर किसी को भी बेच सकता है। योजना के तहत किसान को मुआवजा देने का नियम नहीं है। नई टाउनशिप में हर वर्ग के लिए भूखंड रखे जाएंगे।