UP MSME Sector: लखनऊ में ब्रह्मोस के उत्पादन से एमएसएमई सेक्टर को मिली बड़ी उड़ान
MSME UP Sector: लखनऊ के एमएसएमई सेक्टर को खासकर इससे बड़ी राहत मिलने के आसार हैं। उद्यमियों का भी कहना है कि ब्रह्मोस और दूसरी कंपनियों के आने से एमएसएमई सेक्टर को काफी फायदा होगा।

एमएसएमई सेक्टर को काफी फायदा
जागरण संवाददाता, लखनऊ: कभी बाबुओं और सरकारी कर्मचारियों का शहर कहा जाने वाला लखनऊ अब रक्षा सेक्टर में एक बड़ा हस्ताक्षर बनकर उभर रहा है। ब्रह्मोस के उत्पादन से लखनऊ में रक्षा सेक्टर में दूसरी बड़ी कंपनियों की आने की संभावनाओं को बल मिल रहा है इससे रक्षा ही नहीं कई अन्य सेक्टरों को भी फायदा पहुंचेंगा। लखनऊ के एमएसएमई सेक्टर को खासकर इससे बड़ी राहत मिलने के आसार हैं। उद्यमियों का भी कहना है कि ब्रह्मोस और दूसरी कंपनियों के आने से एमएसएमई सेक्टर को काफी फायदा होगा।
बीती फरवरी में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में दो लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों के बाद लखनऊ में लगातार कंपनियां आ रही हैं। निवेश प्रस्तावों से करीब पैतालीस हजार करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास हो चुका है जिनसे लाखों नौकरियों और रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं।
राजधानी लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल उत्पादन यूनिट की स्थापना से रक्षा उद्योग से जुड़ी यह यूनिट न केवल अत्याधुनिक तकनीक का केंद्र बनेगी, बल्कि हजारों छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए सप्लाई चेन में जुड़ने के नए रास्ते भी खोलेगी। ब्रम्होस एयरोस्पेस लिमिटेड द्वारा स्थापित की जा रही यह यूनिट भारत सरकार की “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” योजना की प्रमुख कड़ी है। यह परियोजना लखनऊ के डिफेंस इंडस्ट्रियल कारिडोर का एक अहम हिस्सा है, जहां अब रक्षा उत्पादन के साथ-साथ निजी क्षेत्र और स्थानीय उद्योगों की भागीदारी बढ़ेगी।
इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन आइआइए लखनऊ चैप्टर के अध्यक्ष विकास खन्ना का कहना है कि ब्रम्होस मिसाइल के उत्पादन में हजारों कंपोनेंट्स, पार्ट्स और विशेष सामग्री की जरूरत होती है। इन पुर्जों का निर्माण सीधे तौर पर स्थानीय एमएसएमई इकाइयों द्वारा किया जा सकता है। लखनऊ और आसपास के जिलों में पहले से मौजूद इलेक्ट्रानिक्स, मेटल, मशीन टूल्स, आटो कंपोनेंट्स और इंजीनियरिंग यूनिट्स को इससे सीधा लाभ मिलेगा।
इस परियोजना के शुरू होने के बाद राज्य में तीन सौ से अधिक छोटे उद्योगों को रक्षा क्षेत्र की सप्लाई चेन में शामिल किया जा सकेगा। ब्रह्मोस यूनिट इन उद्योगों को गुणवत्त, तकनीक और वित्तीय के माध्यम से अपग्रेड करेगी। इससे एमएसएमई की तकनीकी क्षमता में बड़ा सुधार होगा। उद्यमी वैभव अग्रवाल का कहना है कि ब्रम्होस जैसी यूनिट से एमएसएमई सेक्टर को केवल व्यवसाय नहीं, बल्कि तकनीकी नवाचार का मंच मिलेगा।
जब स्थानीय उद्योग हाई-टेक उत्पादों के निर्माण में शामिल होंगे, तो उन्हें ग्लोबल मार्केट में प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता भी मिलेगी। इससे उत्तर प्रदेश के औद्योगिक उत्पादों की गुणवत्ता और निर्यात दोनों में सुधार होगा। इंडो अमेरिक चैंबर के मुकेश बहादर सिंह का कहना है कि इस तरह की यूनिट के संचालन से रक्षा क्षेत्र में आयात पर निर्भरता घटेगी वहीं स्थानीय यूनिटों खासकर एमएमएमई को काफी फायदा होगा। इससे एमएसएमई सेक्टर को लंबे समय तक स्थिर बाजार और विकास की नई दिशा मिलेगी। उपायुक्त उद्योग मनोज चौरसिया का कहना है कि मौजूदा समय में दो लाख से अधिक एमएमएमई इकाइयां पंजीकृत हैं। ब्रम्होस के अलावा पीटीसी इंडस्ट्री भी अपनी यूनिट लगा रही है जिससे भविष्य में एमएमएमई सेक्टर को फायदा मिलेगा।
लखनऊ में प्रमुख निवेश के प्रस्ताव
सेक्टर प्रस्ताव निवेश करोड़ में
एमएसएमई 201 4557.95
एनर्जी 15 63060
तकनीकी शिक्षा 21 1625.49
हाउसिंग 167 39269.9
पशुपालन 35 328.74
शहरी विकास 27 17502.6
यूपीसीडा 35 13999.9
आइटी, इलेक्ट्रानिक्स 25 4417.5
मेडिकल हेल्थ 22 6440.37
रोजगार के खुले द्वार
वर्ष उद्योग नौकरी मिली
2017 6545 21,842
2018 7788 22,072
2019 8,804 17,000
2020 900 2,060
2021 120 3,500
2022 2,200 18,000
2023 24,000 3,50,000
2024 25,000 4,00,000

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