UP Monsoon Session 2025: 'मुस्लिमों के मकबरों में तोड़फोड़ की जाती है जिससे...' फतेहपुर की घटना पर सपा का रिएक्शन
लखनऊ में विधानमंडल सत्र के दौरान सपा ने फतेहपुर मकबरे में तोड़फोड़ पर हंगामा किया। नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया जबकि सरकार ने आरोपों को खारिज करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। हंगामे के बीच सरकार ने विधायी कार्य निपटाए और सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ। विधानमंडल सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को विधानसभा में सपा ने फतेहपुर मकबरे में हुई तोड़फोड़ की घटना पर हंगामा किया। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने सरकार पर आरोप लगाया कि यह घटना सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश के तहत की गई है।
यह एक परिपाटी बन चुकी है, जिसमें मुस्लिमों के मदरसे और मकबरों में तोड़फोड़ की जाती है, जिससे समाज में तनाव पैदा हो और एक पक्षीय राजनीति को बढ़ावा मिल सके। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने नेता प्रतिपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि इस घटना में सरकार व सरकारी तंत्र का कोई भी हाथ नहीं है।
इस मामले में 10 लोगों पर नामजद व 150 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है। कानून हाथ में लेने वालों को सख्त सजा मिलेगी। सरकार के जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए। एक घंटे से अधिक समय तक चले प्रदर्शन व नारेबाजी के बीच सरकार ने अपने विधायी कार्य निपटाए।
विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद नेता प्रतिपक्ष ने फतेहपुर की घटना को उठाया। कहा कि सोमवार को एक मकबरे में तोड़फोड़ का मामला सामने आया है, जिसने राज्य में एक बार फिर सांप्रदायिक तनाव को बढ़ा दिया है।
आरोप लगाया कि भाजपा सरकार का शांति व्यवस्था को बाधित करने का इरादा है। फतेहपुर में एक पार्टी के नेता ने मकबरे पर कब्जे का ऐलान किया था और सात दिन पहले ही इसका ज्ञापन दिया गया था। पुलिस ने मामले को ठीक से नहीं संभाला और लोगों ने धक्का-मुक्की करते हुए मकबरे में घुसकर तोड़फोड़ की। भाजपा प्रदेश को सांप्रदायिक दंगे में झोंकना चाहती है।
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि इस घटना से सरकार का कोई संबंध नहीं है। कहा कि फतेहपुर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गई है। जिन लोगों ने कानून हाथ में लेने की कोशिश की है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सरकार की प्राथमिकता हर हाल में कानून-व्यवस्था बनाए रखना है। किसी भी तरह की अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि विपक्ष इस तरह की घटनाओं को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहा है।
सरकार से जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्य नारेबाजी करते रहे। इस घटना में सरकार पर प्रमुख लोगों को बचाने का आरोप लगाया। सपा सदस्य बुलडोजर कहां गया, भई कहां गया...दंगाइयों को मिट्टी में मिलाओ जैसे नारे लगाते रहे।
शोर-शराबे के बीच सरकार ने सीएजी की सात रिपोर्ट पेश की और छह विधेयक पास करा लिए। दोपहर 1:20 बजे विधानसभा अध्यक्ष के समझाने पर सपा सदस्य वापस अपनी सीटों पर आए लेकिन 10 मिनट बाद फिर अध्यक्ष के आसन के सामने पहुंच गए। हंगामे के बीच विधायी कार्य निपटाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने दोपहर 1:45 बजे सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।