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UP MLC Election 2022 Result: सीतापुर में जीते पवन सिंह, जान‍िए चाय बेचने से एमएलसी बनने तक का सफर

UP MLC Election 2022 Result लखनऊ के बीकेटी न‍िवासी पवन सिंह चौहान सीतापुर के लिए वह नए नहीं हैं। सीतापुर में न‍ियम‍ित आयोजनों में शिरकत करते रहे हैं। इसी कारण राजनीति के मैदान में भाजपा ने उन्हें पहला चुनाव यहां से लड़ाया।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 12 Apr 2022 12:31 PM (IST)Updated: Tue, 12 Apr 2022 12:31 PM (IST)
UP MLC Election 2022 Result: सीतापुर में जीते पवन सिंह, जान‍िए चाय बेचने से एमएलसी बनने तक का सफर
UP MLC Election 2022 Result: पवन सिंह चौहान बोले, शिक्षा, संस्कार और रोजगार प्राथमिकता।

सीतापुर, [गोविन्द मिश्र]। पांच लीटर दूध, दो किलो शकर और ढाई सौ ग्राम चाय की पत्ती... यह सिर्फ चाय बनाने की सामग्री नहीं, यह तो सीतापुर के नवनिर्वाचित एमएलसी पवन सिंह चौहान की जिंदगी को बुलंदियों पर पहुंचाने वाला सामान है। आर्थिक तंगी के दिनों में लखनऊ के बख्शी का तालाब में पहली बार दुकान लगाई तो यही सामग्री लेकर वह गए थे। यह धंधा चमका तो जिंदगी भी ऐसी बदली कि सफलताओं के झंडे गड़ते चले गए। आज सफलताओं की फेहरिश्त में एक और कीर्तिमान जुड़ गया है। मंगलवार को पवन सिंह चौहान सीतापुर के एमएलसी बन गए हैं। अब उनका सपना सीतापुर को सशक्त बनाने का है।

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मंगलवार सुबह मतगणना प्रारंभ हुई तो पवन के मतों की आंधी में सब उड़ गए। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पवन सिंह चौहान को करीब 98 प्रतिशत मत मिले। सपा प्रत्याशी को तो महज 61 मतों से ही संतोष करना पड़ा। अगर पवन सिंह चौहान की बात की जाए तो प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही प्राथमिक विद्यालय से हुई। इसके बाद इंटरमीडिएट बख्शी का तालाब से किया। जिंदगी के शुरुआती दिन काफी संघर्ष भरे रहे। एक मामले में पिता को जेल जाना पड़ा।

यही वजह है कि परिवार को चलाने की चुनौतियां भी खड़ी हो गईं। कक्षा छह में ही थे तो खेत में सब्जियां उगाते थे। आर्थिक स्थिति का अंदाजा तो इसी से लगाया जा सकता है कि ऐसा भी वक्त था कि परिवार बाजार से सब्जियां नहीं खरीद पाता था। खेत में सब्जियों से लाभ हुआ तो बख्शी का तालाब में ही छप्पर के नीचे चाय की दुकान खोली। इस दुकान ने जिंदगी बदल दी। चाय लोगों को पसंद आने लगी तो मसाला चाय लाए। इसके बाद कपड़ों की दुकान शुरू की। कामयाबी अब कदम चूमने लगी थी। वर्ष 2009 में पवन सिंह चौहान ने बख्शी का तालाब में शिक्षण संस्थान शुरू किया। अब वह भाजपा में शिक्षण संस्थान प्रकोष्ठ के सह संयोजक भी हैं।

फीस नहीं थी तो बेंच पर खड़े कर दिए जाते थे : बख्शी का तालाब के नागेंद्र बहादुर सिंह चौहान बताते हैं कि पवन सिंह चौहान ने काफी संघर्ष किया है। स्कूल में फीस न चुकाने की वजह से कई बार उन्हें बेंच पर खड़ा होना पड़ा। लखनऊ जाने के लिए किराया नहीं होता था। इसी वजह से रेल लाइन के किनारे पैदल चलकर लखनऊ जाते थे।

सीतापुर में लंबे अर्से से सक्रिय : यूं तो पवन सिंह चौहान बीकेटी के हैं लेकिन, सीतापुर के लिए वह नए नहीं हैं। सीतापुर में वह लंबे अर्से से तमाम आयोजनों में शिरकत करते रहे हैं। यही वजह है कि राजनीति के मैदान में उतरने पर भाजपा ने उन्हें पहला चुनाव सीतापुर से ही लड़ाया। अब उन्होंने जीत हासिल कर ली है।

शिक्षा, संस्कार और रोजगार प्राथमिकता : पवन सिंह चौहान

नवनिर्वाचित एमएलसी पवन सिंह चौहान का कहना है कि सबसे पहला लक्ष्य सीतापुर में विश्वविद्यालय स्थापित कराने का है। बालिका शिक्षा के लिए जिले के सभी विकास खंडों में इंटर व डिग्री कालेज खुलवाना भी प्राथमिकता में रहेगा। ऐसे आयोजन कराऊंगा, जिससे बच्चों को शिक्षा के साथ ही संस्कार भी मिले। जिले भर में निश्शुल्क चिकित्सा शिविरों का भी आयोजन करवाऊंगा। प्रयास करूंगा कि सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाएं दुरुस्त हों। इसके अलावा युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए अभियान चलेगा। युवाओं को ब्लाक स्तर पर प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके बाद उन्हें विभिन्न कंपनियों में रोजगार दिलाया जाएगा। स्वरोजगार के लिए भी योजनाओं से मदद दिलवाई जाएगी।

अपने एमएलसी के बारे में जानिए

  • नाम : पवन सिंह चौहान
  • गांव : मामपुर, बख्शी का तालाब
  • शैक्षिक योग्यता : एमबीए
  • परिवार : पिता स्व. सूबेदार सिंह, माता स्व. राजवती, पत्नी निर्मला सिंह, बेटा पीयूष सिंह, बेटी डा. पल्लवी सिंह

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