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    यूपी में मेडिकल की सीटों में होगा बड़ा बदलाव, एमबीबीएस और एमडी-एमएस वालों के लिए आ गया जरूरी अपडेट

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 08:50 PM (IST)

    लखनऊ केंद्र सरकार ने मेडिकल कॉलेजों को सुदृढ़ करने के लिए तीसरे चरण को मंजूरी दी है जिससे उत्तर प्रदेश में एमबीबीएस और एमडी-एमएस की लगभग 700 सीटें बढ़ेंगी। सरकार प्रति सीट 1.5 करोड़ रुपये की मदद देगी। एमबीबीएस की लगभग 500 और एमडी-एमएस की 200 सीटें बढ़ेंगी जिससे छात्रों को निजी कॉलेजों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। वर्तमान में एमबीबीएस की 5390 और एमडी-एमएस की 1906 सीटें हैं।

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    प्रदेश के मेडिकल कालेजों में बढ़ जाएंगी एमबीबीएस व एमडी-एमएस की 700 सीटें

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। केंद्र सरकार की मौजूदा मेडिकल कालेज, स्वतंत्र स्नातकोत्तर संस्थानों और सरकारी अस्पतालों के सुदृढ़ीकरण के तीसरे चरण को मंंजूरी देने से प्रदेश में एमबीबीएस और एमडी-एमएस की लगभग 700 सीटें बढ़ जाएंगी।

    इसमें एमबीबीएस की लगभग 500 और एमडी-एमएस की लगभग 200 सीटें बढ़ेंगी। केंद्र सरकार इसमें 1.5 करोड़ रुपये प्रति सीट आर्थिक मदद भी देगी। सीटें बढ़ने से चिकित्सा शिक्षा की पढ़ाई करने के इच्छुक युवाओं को निजी मेडिकल कालेज नहीं जाना पड़ेगा।

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    प्रदेश के राजकीय मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस की 5390 सीटें हैं। जिन पर वर्तमान में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। जबकि एमडी व एमएस की 1906 सीटें हैं। केंद्र सरकार की घोषणा के बाद एमबीबीएस की सीटें बढ़कर लगभग 5900 और एमडी-एमएस की सीटें 2100 से अधिक होने की संभावना है।

    एक चिकित्सा संस्थान के निदेशक के अनुसार मेडिकल कालेजों में स्नातक (यूजी) या स्नातकोत्तर (पीजी) की सीटें बढ़ने के लिए बेड व संकाय सदस्यों की संख्या मानक के अनुसार होना जरूरी है।

    चिकित्सा शिक्षा के लिए मानक राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमएसी) तय करता है। मेडिकल कालेजों में 450 बेड के अस्पताल और 115 संकाय सदस्य होने पर 100 एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश लेने की अनुमति दी जाती है।

    यदि 50 सीटें बढ़ाने का आवेदन किया जाता है तो उससे पहले 10 संकाय सदस्यों की नियुक्ति करनी होती है। इसमें चार प्रोफेसर, तीन-तीन एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसर होने चाहिए। इसके अलावा कक्षाएं, छात्रावास, लाइब्रेरी की क्षमता वृद्धि करनी होती है।

    इसके बाद ही सीटों को बढ़ाने की अनुमति दी जाती है। इसी तरह एमडी-एमएस में सीटें बढ़ाने के लिए भी संकाय सदस्यों की संख्या का मानक है। एक प्रोफेसर पर दो और एसोसिएट प्रोफेसर पर एक एमडी या एमएस की सीट आवंटित की जाती है। एनएमसी निरीक्षण के बाद ही सीटों को बढ़ाने की अनुमति देता है।