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    UP Madarsa Act: सुप्रीम कोर्ट के फैसले का यूपी के 16 हजार मदरसों पर कैसा रहेगा असर? यहां समझें पूरा मामला

    Updated: Tue, 05 Nov 2024 01:53 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम को खारिज कर दिया था और राज्य से विद्यार्थियों को अन्य स्‍कूलों में ट्रांसफर करने को कहा था। यूपी में करीब 16 हजार मदरसे हैं जिनमें कुल 13.57 लाख छात्र हैं। कुल मदरसों में 560 अनुदान‍ित मदरसे हैं जहां 9500 शिक्षक कार्यरत हैं।

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    यूपी के 16 हजार मदरसों को बड़ी राहत।- सांकेत‍िक तस्‍वीर

    ड‍िजिटल डेस्‍क, नई द‍िल्‍ली। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट का 'यूपी मदरसा शिक्षा एक्ट 2004' को असंवैधानिक घोषित करने के फैसले को रद्द करते हुए प्रदेश के 16 हजार मदरसों को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम को खारिज कर दिया था और राज्य से विद्यार्थियों को अन्य स्‍कूलों में ट्रांसफर करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से जान‍िए यूपी के 16 हजार मदरसों पर कैसा रहेगा असर?

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    यूपी में करीब 16 हजार मदरसे हैं, जिनमें कुल 13.57 लाख छात्र हैं। कुल मदरसों में 560 अनुदान‍ित मदरसे हैं, जहां 9,500 शिक्षक कार्यरत हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यूपी के 16 हजार से ज्‍यादा मदरसों के करीब 13 लाख छात्रों पर असर पड़ेगा। कोर्ट के फैसले के बाद अब ये मदरसे सुचारु रूप से चलते रहेंगे।

    क्‍या है यूपी मदरसा एक्‍ट?

    साल 2004 में बनाए गए यूपी मदरसा एक्‍ट के तहत उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड की स्थापना की गई। इस कानून का मुख्य उद्देश्य राज्य में संचालित मदरसों की शिक्षा को प्रबंधित और नियोजित करना है। इस एक्‍ट में अरबी, उर्दू, फारसी, इस्लामिक स्टडीज, तिब्ब (पारंपरिक चिकित्सा), और दर्शनशास्त्र जैसी पारंपरिक इस्लामी शिक्षा को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। इस एक्‍ट के तहत मदरसों को एक संरचित पाठ्यक्रम के अनुसार संचालित करने का ढांचा प्रदान क‍िया जाता है, ताकि धार्मिक और सांस्कृतिक अध्ययन के साथ-साथ आधुनिक शिक्षा का भी समावेश किया जा सके।

    सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट का 'यूपी मदरसा शिक्षा एक्ट 2004' को असंवैधानिक घोषित करने का फैसला रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता के मायने समझने चाहिए। हर धर्म के अपने संस्थान हैं। ऐसे में मदरसों को क्यों निशाना बनाया गया है? कोर्ट ने कहा कि अल्पसंख्यकों की शिक्षा के अधिकार को बरकरार रखा जाना चाहिए। मदरसा एक्ट मदरसों के कामकाज में दखल नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वह मदरसों के लिए न्यूनतम मानदंड तय कर सकती है यह देख सकती है कि मदरसों में किस तरह की शिक्षा दी जाए।

    इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बताया था असंवैधान‍िक

    इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 22 मार्च को उत्तर प्रदेश मदरसा एक्ट 2004 को असंवैधानिक ठहरा दिया था। कोर्ट ने इस कानून को धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन माना था और मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को नियमित स्कूलों में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। पांच अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारडीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच ने बाद में विस्तार से मामले पर सुनवाई की और 22 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

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