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    UP Madarsa Board: गैर मान्यता प्राप्त मदरसा संचालकों को मिली बड़ी राहत- पंजीकरण के लिए फिर खोला जाएगा पोर्टल

    उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड की मंगलवार को हुई बैठक में कुछ सदस्यों के मतभेद के बीच नए मदरसों को मान्यता देने का निर्णय लिया गया है। इस मामले में शासन को पत्र लिखकर उनसे राय भी मांगी जाएगी। पिछले वर्ष सर्वे में मिले 8500 गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को भी मान्यता देने के मामले में शासन से मार्गदर्शन लिया जाएगा।

    By Shobhit SrivastavaEdited By: Shivam YadavUpdated: Wed, 13 Sep 2023 06:00 AM (IST)
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    नए मदरसों को मान्यता देने पर सहमति, शासन से ली जाएगी राय

    लखनऊ, राज्य ब्यूरो: उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड की मंगलवार को हुई बैठक में कुछ सदस्यों के मतभेद के बीच नए मदरसों को मान्यता देने का निर्णय लिया गया है। इस मामले में शासन को पत्र लिखकर उनसे राय भी मांगी जाएगी। पिछले वर्ष सर्वे में मिले 8,500 गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को भी मान्यता देने के मामले में शासन से मार्गदर्शन लिया जाएगा। बोर्ड की बैठक में मदरसों में किसी भी नए पाठ्यक्रम को शुरू करने पर सहमति नहीं बन सकी।

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    मदरसा बोर्ड के चेयरमैन डा. इफ्तिखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में तय हुआ कि वर्ष 2015 के बाद से बंद चल रहे नए मदरसों को मान्यता देने के बारे में शासन से राय मांगी जाए। 

    उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष सर्वे में मिले 8,500 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मिले थे, इनमें बहुत सारे मदरसे मान्यता लेना चाहते हैं। इन्हें मान्यता देने के लिए शासन से मार्गदर्शन लिया जाएगा। मदरसा पोर्टल में पंजीकरण से छूट गए ऐसे मदरसों को एक बार फिर पंजीकरण का मौका दिया जाएगा जिनकी मान्यता पहले से है। इनके लिए मदरसा पोर्टल फिर से खोला जाएगा।

    कुछ ऐसे मदरसे हैं जिन्हें अस्थायी मान्यता मिली है इन्हें स्थायी मान्यता देने या फिर न देने के मसले पर भी चर्चा हुई। मदरसों की जांच कर निर्णय लेने के लिए कहा गया। मदरसों में कामिल-ए-तदरीस (बीएड), फाजिल-ए-तदरीस (एमएड) एवं दुक्तूरा (पीएचडी) के पाठ्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया। 

    कामिल व फाजिल की मान्यता दिलाने के प्रयास

    बोर्ड के सदस्यों ने कहा कि जब कामिल और फाजिल की किसी भी विश्वविद्यालय से मान्यता नहीं है तो फिर उसके आगे के पाठ्यक्रम शुरू करने से केवल छात्रों का नुकसान होगा। इस तरह के पाठ्यक्रम करने के बाद उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पाएगा। इसलिए तय हुआ कि पहले कामिल व फाजिल की मान्यता दिलाने के प्रयास किए जाएं।

    बंद होने वाले मदरसों को दिया जाएगा नोटिस

    चेयरमैन ने बताया कि कुछ जिलों के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों ने उनके यहां के कुछ मदरसों की मान्यता खत्म करने के लिए पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि मान्यता समाप्त करने की एक प्रक्रिया है। सबसे पहले तीन नोटिस दी जाती है, संबंधित मदरसे का पक्ष लिया जाता है। इसके बाद पहले मान्यता निलंबित की जाती है, फिर पक्ष सुनकर मान्यता समाप्त की जाती है। अभी मान्यता निलंबित करने के लिए संबंधित मदरसों को नोटिस दिया जाएगा।

    महिला शिक्षकों को मातृत्व अवकाश

    चेयरमैन ने बताया कि बोर्ड बैठक में मदरसों में शिक्षकों के परस्पर तबादले पर सहमति बन गई है। इसके लिए नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव भेजा जाएगा। महिला शिक्षकों को मातृत्व अवकाश भी दिया जाएगा। अनुकंपा की नौकरी दिए जाने में भी अब विलंब नहीं होगा। 

    मदरसों में नियुक्तियां की जांच होगी सिफारिश

    मदरसा बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि उन्हें मदरसों में शिक्षकों की नियुक्तियाें को लेकर गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं, इस मामले की जांच की सिफारिश की जाएगी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अभी तक उन्हें लिखित शिकायत नहीं मिली है। लिखित शिकायत मिलते ही इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि मदरसों में जो नियुक्तियां होती हैं उसमें चेयरमैन व बोर्ड का कोई लेना-देना नहीं होता है।

    सदस्य ने जताया नई मान्यता का विरोध

    बोर्ड के सदस्य कमर अली ने नए मदरसों को मान्यता देने के प्रस्ताव का विरोध किया। उन्होंने कहा कि पहले हम 558 अनुदानित मदरसों की हालत सुधार ली जाए फिर नई मान्यता देने पर विचार किया जाए। लगातार मदरसों में छात्र संख्या कम हो रही है। मदरसे मान्यता तो ले लेते हैं किंतु उनके पास बच्चे नहीं होते हैं।

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