UP: मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद गाड़ी पटरी पर, लेखपाल भर्ती में दूर होगी आरक्षण की विसंगति
UP Lekhpal Bharti 2025: राजस्व लेखपाल के 7994 पदों की भर्ती में पिछड़ा वर्ग का कोटा कम होने को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद राजस्व परिषद ने उत्तर प्रदेश ...और पढ़ें

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े रुख
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कड़े रुख के बाद लेखपाल भर्ती में आरक्षण की विसंगति दूर होने जा रही है। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) ने 12 दिसंबर को लेखपाल के 7994 पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी किया था। इसमें 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण का पालन न किए जाने को लेकर सवाल उठ रहे थे।
मुख्यमंत्री के कड़े रुख के बाद राजस्व परिषद ने यूपीएसएसएससी को पत्र भेजकर श्रेणीवार रिक्तियों में संशोधन की जानकारी दी है। परिषद की ओर से एक सप्ताह में आयोग को संशोधित संख्या भेजी जाएगी। यूपीएसएसएससी की ओर से जारी विज्ञापन में लेखपाल के स्थायी पदों की कुल संख्या में श्रेणीवार अनारक्षित (सामान्य) के 4185 पद, अनुसूचित जाति के 1446, अनुसूचित जनजाति के 150, अन्य पिछड़ा वर्ग के 1441 तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए 792 पद आरक्षित हैं।
इस मामले में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर आरक्षण में विसंगति का मुद्दा उठाया था। जिस पर मुख्यमंत्री ने अफसरों ने आरक्षण व्यवस्था का अक्षरशः पालन करने को कहा था।
राजस्व परिषद की आयुक्त एवं सचिव कंचन वर्मा ने यूपीएसएसएससी को भेजे पत्र में कहा है कि मंडलायुक्तों ने मंडल स्तर पर लेखपाल के स्वीकृत पदों के सापेक्ष कार्यरत पदों के आधार पर रोस्टरवार रिक्तियों (लंबवत-क्षैतिज आरक्षण सहित) की श्रेणीवार गणना कर अधियाचन उपलब्ध कराया था। इसी आधार पर परिषद ने चयन आयोग को अधियाचन भेजा था।
अब जिला स्तर पर लेखपाल पद पर कार्यरत व रिक्त कार्मिकों की श्रेणीवार गणना के संबंध में नये तथ्य सामने आए हैं और आयोग द्वारा प्रकाशित विज्ञापन में दी गई श्रेणीवार रिक्तियों में संशोधन होने की संभावना है। पदों की संशोधित सूचना एक सप्ताह में आयोग को प्रेषित कर दी जाएगी।

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