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    'ये चाहते हैं देश में गांधी-प्रदेश में यादव परिवार राज करे', जातिवार जनगणना के सवालों पर केशव मौर्य का जवाब

    यूपी विधानपरिषद में जातिवार जनगणना के मुद्दे पर सपा ने सदन से बहिर्गमन किया। सपा का कहना है कि दूसरे राज्यों में जातिवार गणना हो रही है तो यूपी में क्यों नहीं? सरकार महाकुंभ में स्नान करने वाले 66 करोड़ श्रद्धालुओं की गिनती कर सकती है तो जातिवार गणना करने में क्या दिक्कत है? केशव बोले कि सपा के पेट में दर्द हो रहा है।

    By Ashish Kumar Trivedi Edited By: Sakshi Gupta Updated: Tue, 04 Mar 2025 05:03 PM (IST)
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    नेता सदन ने कहा कि जातियों का गुलदस्ता सजाने से सपा हो रही परेशान। (तस्वीर जागरण)

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। यूपी विधानपरिषद में सोमवार को सपा ने प्रदेश में जातिवार गणना कराए जाने का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। सपा सदस्यों ने कहा कि दूसरे राज्यों में यह गणना कराई जा रही है। सरकार महाकुंभ में स्नान कराने वाले 66 करोड़ श्रद्धालुओं की गिनती कर सकती है तो फिर जातिवार गणना करने में क्या कठिनाई है। जिसकी जितनी हिस्सेदारी, उसकी उतनी भागीदारी का नारा भी विपक्ष ने लगाया। इस मुद्दे पर सपा सदस्यों ने अपना विरोध जताते हुए सदन से बहिर्गमन कर दिया।

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    सपा के डॉ. मान सिंह यादव ने कहा कि उप्र के 34 राज्य विश्वविद्यालयों में से 11 में बाह्मण, 11 में क्षत्रिय, चार में वैश्य, दो में कायस्थ, तीन में अन्य पिछड़ा वर्ग और तीन विश्वविद्यालयों में अनुसूचित जाति व जनजाति के कुलपति हैं। एनडीए की सरकार लोगों को धर्म के नाम पर लड़ा रही है, ताकि उसे जातिवार गणना न करानी पड़े। सपा के किरण पाल कश्यप ने कहा कि वर्ष 1931 के बाद प्रदेश में जातिवार गणना नहीं हुई।

    उन्होंने चुटकी ली कि वर्ष 2017 में भाजपा ने पिछड़ा वर्ग के चेहरे के रूप में केशव प्रसाद मौर्य को आगे कर वोट मांगा लेकिन मुख्यमंत्री नहीं बनाया। परिवारवाद के मुद्दे पर मत्स्य मंत्री संजय निषाद पर भी टिप्पणी की और कहा कि जब मौका मिला तो इन्होंने भी अपने दोनों बेटों को सांसद व विधायक बनाया।

    नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि वर्ष 2004 से वर्ष 2014 तक सपा के समर्थन से केंद्र में सरकार चल रही थी, तब जातिवार जनगणना की मांग क्यों नहीं उठाई। भाजपा जातिवार गणना के खिलाफ नहीं है। हमारी सरकार में जाति का जो गुलदस्ता तैयार किया गया है, उससे सपा के पेट में दर्द हो रहा है। यह चाहते हैं कि देश में गांधी परिवार व प्रदेश में यादव परिवार ही राज करे।

    राष्ट्रपति के चुनाव में आदिवासी समाज की बेटी द्रौपदी मुर्मु के विरोध में सपा ने वोट दिया। एनडीए सरकार ने चौधरी चरण सिंह व कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया। यही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को भी पद्म विभूषण हमारी सरकार ने ही दिया। यहां सबका साथ सबका विकास किया जा रहा है। सिर्फ यादव ही ही छोटी-छोटी अन्य पिछड़ी व दलित जातियों के लोगों को आगे लाया जा रहा है।

    ऐसी सूची नहीं देंगे कि आपको इस्तीफा देना पड़े

    सदन में नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव ने कहा कि सपा शासनकाल में 32 एसडीएम के पदों पर भर्ती हुई और उसमें से आठ ओबीसी वर्ग के थे। जिसमें तीन यादव थे। भाजपा ने झूठा प्रचार किया कि यादव जाति के 56 लोग एसडीएम बन गए। अगर सरकार सूची दे दे तो मैं यहीं पर इस्तीफा दे दूंगा। जिस पर सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने कहा कि यह ऐसी कोई सूची देने वाले नहीं जिससे आप इस्तीफा दें। उनकी इस बात पर सदन ठहाके से गूंज उठा।

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