यूपी में जमीनों के दाम तय करने के नियमों में बड़ा बदलाव, चकबंदी में सर्किल रेट की महत्वपूर्ण भूमिका
उत्तर प्रदेश में जमीनों के दाम तय करने के नियमों में बदलाव होने जा रहा है। चकबंदी में सर्किल रेट की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। सरकार का लक्ष्य भूमि मूल्यांकन को पारदर्शी और न्यायसंगत बनाना है, जिससे जमीन मालिकों और खरीदारों को फायदा होगा। नए नियमों में भूमि का मूल्यांकन वैज्ञानिक तरीके से किया जाएगा, जिससे भ्रष्टाचार कम होगा और पारदर्शिता बढ़ेगी।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राज्य सरकार भूमि का मूल्य निर्धारित करने के लिए नियमों में बदलाव की तैयारी कर रही है। इसके लिए चकबंदी के दौरान संबंधित भूमि का मूल्य सर्किल रेट से तय किया जाएगा। अभी तक चकबंदी करने वाले कर्मचारी और अधिकारी भूमि के उपजाऊ क्षमता के आधार पर मूल्य तय करते थे।
इस व्यवस्था को समाप्त करने और चकबंदी कर्मचारियों व अधिकारियों की मनमानी को रोकने के लिए सरकार अब व्यवस्था बनाने जा रही है कि किसान स्वयं अपनी भूमि के रेट का आकलन कर सकें। जिलों में सड़कों के नेटवर्क और भूमि के उपजाऊपन के आधार पर सर्किल रेट तय किया जाता है।
इस व्यवस्था में बदलाव के लिए चकबंदी आयुक्त कार्यालय की तरफ से प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। शासन की स्वीकृति मिलने के बाद यह व्यवस्था लागू की जाएगी। इससे किसानों की यह शिकायत समाप्त होगी कि सड़क के किनारे की उनकी भूमि के लिए उन्हें कम और किसी दूसरे को ज्यादा राशि का भुगतान किया गया है।
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मनरेगा में बढ़ाई जाए महिलाओं की सहभागिताः केशव मौर्य
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मनरेगा में महिला मेटों व दिव्यांगों की सहभागिता बढ़ाने के निर्देश ग्राम्य विकास विभाग को दिए हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक प्रदेश में 31,234 महिला मेटों और 16,896 दिव्यांग जनों को मनरेगा योजना के अंतर्गत रोजगार उपलब्ध कराया गया है। उपमुख्यमंत्री इस संख्या को और बढ़ाने को कहा है। ग्राम्य विकास विभाग के आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने इस संदर्भ में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि महिलाओं को कम से कम 100 दिवस रोजगार उपलब्ध कराया जाए।

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