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    UP News: श्रम विभाग ने समय से पहले पूरा किया लक्ष्य, रोजगार मेलों में 39,474 युवाओं को मिला काम का अवसर

    By Umesh TiwariEdited By:
    Updated: Mon, 13 Jun 2022 07:10 PM (IST)

    UP Rojgar Mela 2022 यूपी श्रम विभाग ने 100 दिन की कार्ययोजना में 90 रोजगार मेले के आयोजन का लक्ष्य निर्धारित किया था। विभाग ने 31 मई तक लक्ष्य के सापेक्ष 320 रोजगार मेले का आयोजन किया। मेले के माध्यम से लक्ष्य से करीब 15000 अधिक अभ्यर्थियों का चयन हुआ।

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    UP Rojgar Mela 2022: सौ दिन में 25000 रोजगार के लक्ष्य के सापेक्ष 39000 युवाओं को मिले रोजगार के अवसर

    UP Rojgar Mela 2022: लखनऊ, जेएनएन। आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने और अगले पांच वर्ष में प्रत्येक परिवार के कम से कम एक व्यक्ति को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार सतत् प्रयत्नशील है। सरकार के श्रम विभाग ने रोजगार मेले के माध्यम से 39474 अभ्यर्थियों का चयन किया है, जबकि अपनी 100 दिन की कार्ययोजना के अनुसार 25000 अभ्यर्थियों के चयन का लक्ष्य था।

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    उत्तर प्रदेश के श्रम विभाग ने पूरे राज्य में रोजगार मेले का आयोजन किया। इसके माध्यम से प्रदेश सरकार ने रोजगार और स्वरोजगार प्रदान करने वाले विभागों को एक ही जगह एकत्र हुए और बेरोजगार युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर मिले।

    श्रम विभाग ने 100 दिन की कार्ययोजना में 90 रोजगार मेले के आयोजन का लक्ष्य निर्धारित किया था। विभाग ने 31 मई तक लक्ष्य के सापेक्ष 320 रोजगार मेले का आयोजन किया। मेले के माध्यम से 25000 अभ्यर्थियों का चयन करने का लक्ष्य था, जबकि लक्ष्य से करीब 15000 अधिक 39474 अभ्यर्थियों का चयन हुआ।

    विभाग ने 100 दिन में 600 करियर काउंसिलिंग कार्यक्रम कराने का लक्ष्य रखा था। अनुमान था कि इसमें 50000 प्रतिभागियों के हिस्सा लेंगे। 31 मई तक सरकार के प्रयासों से करियर काउंसिलिंग के 759 कार्यक्रम आयोजित किए गए और 67242 प्रतिभागियों ने भागीदारी की। प्रदेश सरकार के श्रम विभाग ने 100 दिन में सेवामित्र पोर्टल पर 4000 कुशल कामगारों का पंजीकरण का लक्ष्य तय किया था। विभाग ने लक्ष्य से ज्यादा 4887 कुशल कामगारों का सेवामित्र पोर्टल पर पंजीकरण किया है।

    गौरतलब है कि प्रदेश सरकार विभिन्न माध्यमों से युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। योगी सरकार के पहले कार्यकाल में 5 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई और 60 लाख युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया। निवेश के माध्यम से 1 करोड़ 61 लाख युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए गए।