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    यूपी में 1000 आईटीआई की बदलने वाली है सूरत, ट्रेनिंग का तरीका भी बदल जाएगा

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 06:32 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में एक हजार आईटीआई संस्थानों को आधुनिक बनाने की योजना है जिसके तहत छात्रों को आधुनिक उद्योगों के अनुरूप प्रशिक्षण मिलेगा। हब एंड स्पोक मॉडल के तहत आईटीआई संस्थानों को जोड़ा जाएगा। केंद्र सरकार की योजनाओं के माध्यम से व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा। औद्योगिक संगठनों के सहयोग से प्रशिक्षण पाठ्यक्रम उद्योग की जरूरतों के अनुसार तैयार किए जाएंगे।

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    एक हजार आइटीआइ होंगे अपग्रेड, युवाओं को मिलेगा आधुनिक कौशल प्रशिक्षण

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अब प्रदेश में आइटीआइ के छात्र पुराने ढर्रे की मशीनों और कोर्स से आगे बढ़कर आधुनिक उद्योगों के अनुरूप प्रशिक्षण पाएंगे। इसके लिए एक हजार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ) को अपग्रेड किया जाएगा।

    इसमें ग्लोबल पार्टनर की सहायता से राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान (एनएसटीआइ) भी स्थापित किए जाएंगे। इसके तहत प्रदेश के आइटीआइ संस्थानों को ‘हब एंड स्पोक माडल’ के तहत जोड़ा जाएगा। यानी कुछ प्रमुख आइटीआइ हब बनेंगे, जो आसपास के छोटे आइटीआइ को आधुनिक उपकरणों, प्रशिक्षकों और उद्योगों के सहयोग से सशक्त बनाएंगे।

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    केंद्र सरकार की ‘नेशनल स्कीम फार अपग्रेडेशन आफ इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट’ और ‘नेशनल सेंटर्स आफ एक्सीलेंस फार स्किलिंग’ योजना के तहत यह कार्य किया जाएगा। व्यावसायिक शिक्षा व कौशल विकास व उद्यमशीलता विभाग ने इसके क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तरीय संचालन समिति गठित कर दी है।

    समिति के मुख्य सचिव अध्यक्ष, प्रमुख सचिव (व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग) को सदस्य सचिव बनाया गया है। समिति में प्राविधिक शिक्षा, औद्योगिक विकास, वित्त, एमएसएमई, श्रम, माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभागों के अधिकारी शामिल हैं।

    इसके अलावा भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (एसोचैम), भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की), इंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन (आइआइए) जैसे औद्योगिक संगठनों और प्रशिक्षण क्षेत्र के विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया जाएगा ताकि उद्योग जगत की जरूरतों के अनुरूप प्रशिक्षण कोर्स तैयार किए जा सकें।

    प्रमुख सचिव डा. हरिओम के अनुसार, आइटीआइ के अपग्रेड होने से यहां पढ़ने वाले युवाओं को नई तकनीक और आधुनिक मशीनों पर काम करने का मौका मिलेगा। प्रशिक्षण सीधे उद्योगों की जरूरतों से जुड़ा होगा, जिससे नौकरी पाने की संभावना बढ़ेगी। विद्यार्थियों को कंपनियों में इंटर्नशिप और आन द जाब ट्रेनिंग का अवसर मिलेगा। प्रदेश में कुशल मानव संसाधन तैयार होगा, जो उद्योगों के विकास में मदद करेगा।