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    ITC घोटाले में UP के तीन अधिकारी निलंबित, दिल्ली से लखनऊ खाली ट्रक दौड़ाकर गटकी थी 5 करोड़ की आइटीसी

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 05:35 AM (IST)

    दिल्ली से लखनऊ खाली ट्रक चलाकर लगभग 5 करोड़ रुपये की इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) हड़पने का जीएसटी चोरी का नया मामला सामने आया। इस मामले में लापरवाही बरतने वाले राज्य कर विभाग के एडिशनल कमिश्नर लखनऊ जोन समेत तीन वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित किया गया है।    

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    जागरण संवाददाता, लखनऊ। वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) की टैक्स चोरी के साथ इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) हड़पने का नया प्रकरण सामने आया है। दिल्ली से लखनऊ खाली ट्रक दौड़ाकर करीब पांच करोड़ रुपये की आइटीसी हड़पी गई। लापरवाही बरतने वाले राज्य कर विभाग के एडिशनल कमिश्नर लखनऊ जोन एक सहित तीन बड़े अधिकारियों को निलंबित किया गया है।

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    तीनों को झांसी कार्यालय से संबद्ध किया गया है। संयोग है कि इन्हीं अधिकारियों ने इस मामले को पकड़ा था। अब इन्हें जांच में लापरवाही और मिलीभगत के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। राज्य कर विभाग के अधिकारी जीएसटी की टैक्स चोरी रोकने के लिए ई-वे बिल की निगरानी कर रहे हैं। अधिकारियों को पता चला कि कुछ जालसाज खाली ट्रक दौड़ाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट हड़प रहे हैं। सूचना पर छह सितंबर को दिल्ली से लखनऊ आए ट्रक संख्या यूपी82 टी 9714, एचआर 63 ई 9906, एचआर 38 की 9341 व पीसी एफवी 5297 को पकड़ा, जो बिना माल के आए थे।इ

    इन्होंने की थी कार्रवाई

    आकाश कारपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली ने गासपेल प्रेस सी 135 निराला नगर और गासपेल प्रेस सी ए टू, सी ए छह इनसेलरी खंड नादरगंज अमौसी लखनऊ के नाम से ई-वे बिल बना था। एडिशनल कमिश्नर ग्रेड टू लखनऊ प्रथम संजय कुमार मिश्र के निर्देश पर डिप्टी कमिश्नर घनश्याम मधेशिया और संयुक्त आयुक्त सुशील कुमार सिंह ने कार्रवाई की थी।

    अब तीनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। गुरुवार को राज्यपाल की ओर से जारी आदेश में लिखा है कि अधिकारियों ने क्रेता व विक्रेता को बचाने के लिए उन पर एफआइआर दर्ज नहीं कराई, जबकि आरोपित व्यापारी ने पांच करोड़ रुपये की आइटीसी हड़प ली। तीनों अधिकारियों ने आइटीसी ब्लाक कराने की भी जरूरत नहीं समझी।

    यह भी लिखा है कि जांच में 3.57 करोड़ का माल दिखाया गया, जबकि 45.87 लाख का अर्थदंड लगाया गया, जबकि माल के मूल्य के बराबर अर्थदंड लगाया जा सकता था। अधिकारियों ने सीसी फुटेज तक न मांगा और न ही व्यापारी से माल दिखाने को कहा। यह सब कुछ मिलीभगत की वजह से हुआ।

    इस मामले की जांच चल रही है। मेरे ही निर्देश पर फर्जीवाड़ा पकड़ा गया और जांच रिपोर्ट आने से पहले ही कार्रवाई करने वालों को ही निलंबित कर दिया गया। - संजय कुमार मिश्र, निलंबित एडिशनल कमिश्नर