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    उत्तर प्रदेश बनेगा सेमीकंडक्टर का हब, शीघ्र शुरू होगी 20 हजार वेफर्स क्षमता वाली ओसैट यूनिट

    By Dharmendra PandeyEdited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Thu, 18 Dec 2025 03:47 PM (IST)

    Semiconductor Industry:परियोजना केवल एक औद्योगिक निवेश नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश को भविष्य की वैश्विक तकनीक से जोड़ने वाला रणनीतिक कदम है। एचसीएल ग्रुप ...और पढ़ें

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    उत्तर प्रदेश सेमीकंडक्टर मिशन 

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: भारत के सेमीकंडक्टर मिशन को उत्तर प्रदेश में नई गति और दिशा मिलने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार जिस आत्मनिर्भर और तकनीक आधारित अर्थव्यवस्था का विजन लेकर आगे बढ़ रही है उसकी मजबूत झलक एचसीएल और फॉक्सकॉन की संयुक्त ओसैट यूनिट के रूप में धरातल पर आने वाली है।

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    इसकी प्रमुख विशेषता 20,000 वेफर्स प्रति माह की उत्पादन क्षमता है। यही क्षमता इस परियोजना को राष्ट्रीय स्तर पर रणनीतिक महत्व प्रदान करती है और भारत की सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भरता की दिशा में इसे एक बड़ा कदम बनाती है। अधिकारियों का कहना है कि जनवरी के मध्य में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरिमनी संभावित है, उसके बाद परियोजना पर तेजी से काम होगा।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार कह रहे हैं कि उत्तर प्रदेश को निवेश के लिए सबसे भरोसेमंद राज्य बनाना सरकार की प्राथमिकता है। बेहतर कानून-व्यवस्था मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेश अनुकूल नीतियों का परिणाम है कि एचसीएल और फॉक्सकॉन जैसी वैश्विक कंपनियां राज्य में निवेश के लिए आगे आई हैं। इस साझेदारी से न केवल तकनीकी विशेषज्ञता आएगी बल्कि सेमीकंडक्टर स्किल डेवलपमेंट को भी बढ़ावा मिलेगा।

    यह परियोजना केवल एक औद्योगिक निवेश नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश को भविष्य की वैश्विक तकनीक से जोड़ने वाला रणनीतिक कदम है। एचसीएल ग्रुप की चेयरपर्सन रोशनी नादर मल्होत्रा का कहना है कि केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में जेवर एयरपोर्ट के पास यह इकाई स्थापित की जाएगी। करीब 3706 करोड़ रुपये के निवेश से बनने वाली यह यूनिट उत्तर प्रदेश की पहली सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्टिंग सुविधा होगी। इसमें हर माह 20,000 सिलिकॉन वेफर्स की प्रोसेसिंग की जाएगी जिनसे बड़े पैमाने पर सेमीकंडक्टर चिप्स तैयार होंगी।

    सेमीकंडक्टर उद्योग में वेफर को चिप निर्माण की आधारशिला माना जाता है। एक वेफर से चिप के आकार और तकनीक के अनुसार सैकड़ों से लेकर हजारों माइक्रोचिप्स तैयार की जाती है। ऐसे में 20,000 वेफर्स की मासिक क्षमता का अर्थ है कि यह यूनिट हर महीने लाखों से लेकर करोड़ों चिप्स के निर्माण से जुड़ी प्रक्रियाओं को अंजाम दे सकेगी। यह उत्पादन क्षमता भारत में डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स की बढ़ती घरेलू मांग को पूरा करने में निर्णायक साबित होगी।

    इस संयंत्र में मुख्य रूप से डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स का निर्माण किया जाएगा जिनका उपयोग मोबाइल फोन, लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर, ऑटोमोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में होता है। वर्तमान में भारत इन चिप्स के लिए बड़े पैमाने पर आयात पर निर्भर है। 20 हजार वेफर्स की नियमित प्रोसेसिंग से घरेलू आपूर्ति श्रृंखला को भी मजबूती मिलेगी और आयात निर्भरता में भारी कमी आने की पूरी संभावना है।

    एचसीएल ग्रुप और फॉक्सकॉन की यह साझेदारी तकनीकी क्षमता और वैश्विक अनुभव का संगम मानी जा रही है। इससे सेमीकंडक्टर स्किल डेवलपमेंट पर भी फोकस किया जायेगा, जिससे की 20 हजार वेफर्स की इस उच्च क्षमता को संचालित करने के लिए कुशल मानव संसाधन को तैयार किया जा सके। सेमीकंडक्टर क्षेत्र के विशेषज्ञों के अनुसार 20 हजार वेफर्स प्रति माह की यह क्षमता उत्तर प्रदेश को सेमीकंडक्टर वैल्यू चेन में मजबूत स्थान दिलाने के साथ भारत को वैश्विक चिप मैन्युफैक्चरिंग मानचित्र पर एक कदम आगे ले जाएगी।