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    UP नियमित टीकाकरण में लक्ष्य से पिछड़ा, अब लापरवाही बरतने पर होगी कार्रवाई

    By Amit Yadav Edited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Fri, 05 Dec 2025 07:09 PM (IST)

    Regular Vaccination in UP: दिसंबर में छूटे बच्चों का टीकाकरण कराने के लिए आयोजित टीका उत्सव में लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं।केंद्र सरकार ने प् ...और पढ़ें

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    नियमित टीकाकरण लक्ष्य से पिछड़ गया

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: प्रदेश में नियमित टीकाकरण लक्ष्य से पिछड़ गया है। मीजल्स और रुबेला (एमआर) टीकाकरण 77 प्रतिशत, ओरल पोलियो वैक्सीनेशन (ओपीवी) और हेपेटाइटिस बी टीकाकरण मात्र 27 प्रतिशत हुआ है।

    यूविन पोर्टल (यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन विन) पर भी टीकाकरण की जानकारी अपडेट नहीं हो रही है। परिवार कल्याण विभाग के महानिदेशक डा. पवन कुमार अरुण ने टीकाकरण में लापरवाही बरतने वाले जिलों के अधिकारियों को चेतावनी दी है। साथ ही दिसंबर में छूटे बच्चों का टीकाकरण कराने के लिए आयोजित टीका उत्सव में लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं।केंद्र सरकार ने प्रदेश में पेंटा वन, ओपीवी वन, एमआर वन टीकाकरण मानकों के अनुरूप नहीं पाया है।

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    इसके लिए परिवार कल्याण महानिदेशालय पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने भी समीक्षा में पाया कि कई जिलों में टीकाकरण मानक से कम है। कई जिलों में मीजल्स रुबेला के केस भी पाए गए हैं। इसी आधार पर महानिदेशक ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) को छूटे हुए बच्चों का यूविन पोर्टल पर पंजीकरण करके टीकाकारण कराने के निर्देश दिए हैं।

    राज्य स्तरीय समीक्षा में पाया गया है कि अप्रैल से अक्टूबर के बीच ओपीवी जीरो 27 प्रतिशत, हेपेटाइटिस बी 27 प्रतिशत, पेंटावेलेंट वन 63 प्रतिशत, एमआर वन 77 प्रतिशत और एमआर टू टीकाकरण 65 प्रतिशत हुआ है। महानिदेशक ने सभी आशा को व एएनएम को जीरो से पांच साल तक के छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण करनके लिए सूची बनाकर टीकाकरण कराने के निर्देश दिए हैं।

    दिसंबर महीने में ही छूटे हुए बच्चों के टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा किया जाना है। पेंटावेलेंट वन बच्चों को डिप्थीरिया, टिटनेस, काली खांसी, हेपेटाइटिस बी और हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी से बचाता है। एमआर टीका बच्चों को खसरा(मीजल्स) और रुबेला से बचाता है। महानिदेशक ने छूटे बच्चों के टीकाकरण के लिए सभी सीएमओ को विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं। यदि लक्ष्य पूरा नहीं किया गया तो स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।