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    निदेशक निलंबित, अपर निदेशक पद रिक्त... UP में एक संयुक्त डायरेक्टर के भरोसे होम्योपैथिक चिकित्सा व्यवस्था

    Updated: Sun, 20 Jul 2025 05:50 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश का होम्योपैथी विभाग अधिकारियों की कमी से जूझ रहा है। निदेशक के निलंबन के बाद भी किसी को कार्यवाहक नहीं बनाया गया है। निदेशालय में अपर निदेशक और उपनिदेशक के पद भी खाली हैं जिससे चिकित्सा और शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। कानपुर और आजमगढ़ मेडिकल कॉलेज में कार्यवाहक प्रधानाचार्य हैं। संयुक्त निदेशक डॉ. नीलम द्विवेदी पूर्व व्यवस्था के अनुसार कार्य कर रही हैं।

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    एक संयुक्त निदेशक के भरोसे होम्योपैथिक चिकित्सा व्यवस्था।

    अमित यादव, लखनऊ। प्रदेश का होम्योपैथी विभाग अधिकारी विहीन हो गया है। होम्योपैथी निदेशक डा. अरविंद वर्मा के निलंबन के आदेश के 72 घंटे बाद भी निदेशालय में उनके स्थान पर किसी कार्यवाहक निदेशक की तैनाती नहीं हो पाई है।

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    सिर्फ एक संयुक्त निदेशक (जेडी) स्तर की अधिकारी निदेशालय में तैनात हैं। उन्हें भी अभी तक कार्यभार संभालने का निर्देश नहीं मिला है। प्रदेश में 1585 होम्योपैथिक डिस्पेंसरी, नौ राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल हैं।

    इनकी व्यवस्था संचालन के लिए होम्योपैथी निदेशालय में एक निदेशक, दो अपर निदेशक ( एडी-स्वास्थ्य एवं शिक्षा) के पद, चार संयुक्त निदेशक (जेडी) के पद, चार उप निदेशक (डीडी) के पद सृजित हैं, लेकिन स्थिति है कि वर्तमान में निदेशालय में सिर्फ एक संयुक्त निदेशक डा. नीलम द्विवेदी ही तैनात हैं।

    उनके ऊपर के दो अपर निदेशक के पद रिक्त पड़े हैं। ये दोनों पद दो साल से खाली हैं। दोनों ही अपर निदेशक सेवानिवृत्त हो चुके हैं। संयुक्त निदेशक के तीन रिक्त पदों में से एक पर तैनात रहे अधिकारी निलंबित हैं, एक सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जबकि एक अन्य पद पर लंबे समय से किसी की तैनाती नहीं हुई है। इसके अलावा उपनिदेशक के चार पदों पर भी समय से डीपीसी न होने से किसी की तैनाती नहीं हो पा रही है।

    दो मेडिकल कालेजों में कार्यवाहक प्रधानाचार्य

    निदेशालय में अधिकारी न होने से चिकित्सा के साथ ही शिक्षण कार्य भी प्रभावित हो रहा है। इसके चलते मेडिकल कालेज में भी नीतिगत फैसले लेने में दिक्कत आ रही है। प्रदेश में कुल नौ होम्योपैथी मेडिकल कालेज हैं। इनमे से कानपुर और आजमगढ़ मेडिकल कालेज में कार्यवाहक प्रधानाचार्य हैं।

    प्रयागराज, लखनऊ, गाजीपुर, अयोध्या, गोरखपुर, अलीगढ़, मुरादाबाद में ही स्थायी प्रधानाचार्य की तैनाती है। निदेशालय में तैनात जेडी डा. नीलम द्विवेदी का कहना है कि वह पूर्व की व्यवस्था के हिसाब से अपना कार्य कर रही हैं, कोई नया दिशा-निर्देश उन्हें नहीं मिला है।