यूपी स्वास्थ्य विभाग में होगी 2000 विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती, स्वास्थ्य महानिदेशालय ने शासन को भेजा अधियाचन
उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग दो हजार से अधिक विशेषज्ञ डॉक्टरों की भर्ती करने जा रहा है। स्वास्थ्य महानिदेशालय ने शासन को प्रस्ताव भेजा है, जिसमें स्त्री रोग विशेषज्ञ, सर्जन, और अन्य विशेषज्ञ शामिल हैं। प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग में लगभग आठ हजार पद खाली हैं, जिन्हें भरने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार संविदा और पुनर्योजन के माध्यम से भी डॉक्टरों की भर्ती कर रही है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग में विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती होगी। स्वास्थ्य महानिदेशालय ने शासन को लेवल टू के दो हजार से अधिक पदों पर भर्ती के लिए अधियाचन भेजा है। इसमें एमडी व एमएस डिग्री वाले डाक्टरों को सरकारी सेवा में आने का मौका मिलेगा।
जिन पदों पर भर्ती के लिए अधियाचन भेजा गया है, उसमें स्त्री रोग विशेषज्ञ, जनरल सर्जन, आर्थोपैडिक सर्जन, नेत्र रोग, नाक कान गला, एनेस्थेटिस्ट, बाल रोग विशेषज्ञ, रेडियोलाजिस्ट आदि के पद हैं।
प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग (पीएमएचएस) में डाक्टरों के 19,569 पद स्वीकृत हैं। इनमें से स्थायी चिकित्सकों के लगभग आठ हजार पद खाली हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) से 2508 संविदा, 404 डाक्टर वाक इन इंटरव्यू और सेवानिवृत्ति के बाद पुनर्योजन से 283 डाक्टरों की तैनाती की गई है।
इसके बावजूद लगभग पांच हजार पद खाली पड़े हैं। अब विशेषज्ञ डाक्टरों की भर्ती की कवायद शुरू हुई है। गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग में डाक्टरों के सामान्य एमबीबीएस और विशेषज्ञ अलग-अलग भर्ती की जाती है। वर्ष 2020 में पीएमएचएस में 3620 पद एमबीबीएस और 3620 पद विशेषज्ञ संवर्ग के रखे गए हैं।
एमबीबीएस डाक्टरों को पीएमएचएस में लेवल वन में भर्ती किया जाता है। जबकि विशेषज्ञ चिकित्सकों को लेवल टू में सीधे भर्ती किया जाता है। वर्ष 2020 से पहले एक साथ सामान्य और विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती की जाती थी।
महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य डा़ रतन पाल सिंह सुमन ने बताया के भर्ती के लिए अधियाचन शासन को भेज दिया गया है। वहां से अब उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को इसे भेजा जाएगा। इसके बाद भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
मुश्किल से मिल रहे डाक्टर
स्वास्थ्य विभाग में डाक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए सेवानिवृत्ति के बाद पुनर्योजन के माध्यम से फिर से सरकारी सेवा से जुड़ने का मौका दिया गया है। इसमें पांच सौ पद सामान्य और पांच सौ पद (कुल एक हजार) विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिए रखे गए हैं।
इसके बावजूद डाक्टर सरकारी सेवा से जुड़े नहीं रहना चाहते हैं। सरकार ने हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में जो आंकड़े दिए हैं, उसके अनुसार पुनर्योजन से 283 डाक्टर सरकारी सेवा के लिए मिले हैं। जबकि अन्य पद रिक्त हैं।
डाक्टरों की भर्ती के लिए अधियाचन भेजा जा रहा है। आयोग से भर्ती में कुछ समय लगता है। इसलिए संविदा, वाक इन इंटरव्यू से डाक्टर रखे जा रहे हैं।
-ब्रजेश पाठक, उप मुख्यमंत्री

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