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    UP News: माटीकला मेलों में 4.20 करोड़ रुपये के उत्पादों की बिक्री, हस्तशिल्प उत्पादों की जबर्दस्त मांग

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 02:30 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में आयोजित माटीकला मेलों में 4.20 करोड़ रुपये के हस्तशिल्प उत्पादों की बिक्री हुई। लखनऊ, गोरखपुर, आगरा जैसे शहरों में लोगों ने खूब खरीदारी की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर माटीकला बोर्ड इन मेलों का आयोजन करता है, जिससे हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहन मिलता है और उनकी कला को बढ़ावा मिलता है।

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राज्य के विभिन्न जिलों में आयोजित माटीकला मेलों में 4.20 करोड़ रुपये के हस्तशिल्प उत्पादों की बिक्री हुई है। लखनऊ, गोरखपुर, आगरा, कानपुर देहात और मुरादाबाद जैसे शहरों में लोगों ने जमकर हस्तशिल्प उत्पादों की खरीददारी की।

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    पिछले वित्तीय वर्ष में लगाए लगए माटी कला मेलों में 3,29,28,410 रुपये के उत्पादों की बिक्री हुई थी। इसकी तुलना में इस बार लगभग 27.7 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश माटीकला बोर्ड हस्तशिल्पियों द्वारा तैयार किए जाने वाले उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए हर वर्ष माटीकला मेलों का आयोजन करता है। इस बार विभिन्न जिलों में 10 दिवसीय, सात दिवसीय क्षेत्रीय व तीन दिवसीय लघु माटीकला मेले आयोजित किए गए थे।

    इन मेलों में कुल 691 दुकानें लगाई गईं थीं। इन दुकानों से नागरिकों ने हस्तशिल्पियों द्वारा तैयार किए 4,20,46,322 रुपये के उत्पाद खरीदे।

    लखनऊ के खादी भवन में 10 से 19 अक्टूबर तक आयोजित माटीकला महोत्सव में 56 दुकानों द्वारा 1,22,41,700 रुपये के उत्पादों की बिक्री की गई। गोरखपुर, आगरा, कानपुर देहात और मुरादाबाद में 13 से 19 अक्टूबर तक आयोजित सात दिवसीय क्षेत्रीय मेलों में 126 दुकानों से 78,84,410 रुपये के उत्पाद बेचे गए।

    वहीं, 70 जिलों में 17 से 19 अक्टूबर तक आयोजित लघु माटीकला मेलों में लगाई गई 509 दुकानों के माध्यम से हस्तशिल्पियों ने 2,19,20,212 रुपये के उत्पादों की बिक्री की।

    बोर्ड द्वारा हस्तशिल्पियों की कला को संरक्षित करने, आर्थिक सुदृढ़ता, तकनीकी विकास और बिक्री की सुविधा बढ़ाने पर काम किया जा रहा है। सरकार ने माटीकल उद्योग से जुड़े प्रजापति समुदाय के लोगों के लिए गांव के तालाबों से मिट्टी निकालने की व्यवस्था निश्शुल्क कर दी है।

    माटीकला बोर्ड के महाप्रबंधक शिशिर ने बताया कि हस्तशिल्पियों को मेलों के माध्यम से सीधे उपभोक्ताओं से जुड़ने का अवसर प्रदान किया जा रहा है। आगामी वर्षों में इन मेलों के दायरे का विस्तार किया जाएगा, जिससे प्रदेश के माटीकला उत्पाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जुड़ सकें।