UP News: चार पीढ़ियों की संपत्ति के बंटवारे पर खर्च होंगे सिर्फ इतने रुपये, कैबिनेट में मिल सकती है मंजूरी
योगी सरकार पारिवारिक संपत्ति के विभाजन को सरल बनाने जा रही है। अब चार पीढ़ियों की संपत्ति का बंटवारा केवल 10 हजार रुपये में हो सकेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। वर्तमान में विभाजन पर स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क संपत्ति के मूल्य के आधार पर लगता है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। योगी सरकार संयुक्त पारिवारिक संपत्ति (पैतृक संपत्ति) के विभाजन की प्रक्रिया को सरल व सस्ता बनाने जा रही है। बिना किसी विवाद के चार पीढ़ियों की संपत्ति का बंटवारा मात्र 10 हजार रुपये में किया जा सकेगा। संबंधित प्रस्ताव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिल सकती है।
पारिवारिक संबंधियों के बीच होने वाले बंटवारे (विभाजन) पर अभी स्टांप ड्यूटी जहां सर्किल रेट पर संपत्ति के मूल्य के आधार पर चार प्रतिशत लगती है वहीं निबंधन शुल्क भी एक प्रतिशत देना पड़ता है। ऐसे में भारी-भरकम खर्च से बचने के लिए ज्यादातर मामलों में बंटवारा न कराए जाने पर संपत्ति को लेकर परिवार में विवाद के कोर्ट-कचेहरी में मुकदमें बढ़ते जा रहे हैं।
इस पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर विभाजन की प्रक्रिया को सरल बनाने के साथ ही उस पर लगने वाली स्टांप ड्यूटी को घटाने के लिए स्टांप एवं निबंधन विभाग ने स्टांप अधिनियम की अनुसूची-1ख के अनुच्छेद 45(विभाजन) के तहत प्रस्ताव तैयार किया है।
सूत्रों के अनुसार विभाग ने चार पीढ़ियों तक की किसी भी कीमत तक की संपत्ति के बंटवारे के लिए एक समान पांच हजार रुपये स्टांप ड्यूटी और पांच हजार रुपये ही निबंधन शुल्क प्रस्तावित किया है। मंगलवार को कैबिनेट से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद मात्र 10 हजार रुपये के खर्च पर सपत्ति के बंटवारे की पक्की लिखा-पढ़ी कराई जा सकेगी।
सूत्रों के अनुसार पूर्व में विभाग ने सेल डीड की तरह एक प्रतिशत निबंधन शुल्क प्रस्तावित किया था। ऐसे में यदि एक करोड़ रुपये की किसी पैतृक संपत्ति का विभाजन किया जाता तो स्टांप ड्यूटी भले ही पांच हजार रुपये देनी होती लेकिन निबंधन शुल्क के तौर पर एक लाख रुपये लगते।
मुख्यमंत्री द्वारा इस पर सहमति न जताए जाने पर निबंधन शुल्क अब पांच हजार रुपये प्रस्तावित किया गया है।
विदित हो कि विभाजन विलेख में सभी पक्षकार विभाजित संपत्ति में संयुक्त हिस्सेदार होते हैं। संपत्ति का विभाजन उनके बीच ही होता है। विभाजन विलेख में छूट एक ही मृतक व्यक्ति की संपत्ति का उसके सभी वंशजों (सह स्वामी) के बीच बंटवारे पर मिलेगी। मतलब यह हुआ कि दादा की मूल संपत्ति में वर्तमान में जीवित हिस्सेदार चाचा/भतीजा/भतीजी आदि हो सकते हैं।
ऐसे में भारी-भरकम खर्च से बचने के लिए ज्यादातर मामलों में बंटवारा न कराए जाने पर संपत्ति को लेकर परिवार में विवाद के कोर्ट-कचेहरी में मुकदमें बढ़ते जा रहे हैं।
इस पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर विभाजन की प्रक्रिया को सरल बनाने के साथ ही उस पर लगने वाली स्टांप ड्यूटी को घटाने के लिए स्टांप एवं निबंधन विभाग ने स्टांप अधिनियम की अनुसूची-1ख के अनुच्छेद 45 (विभाजन) के तहत प्रस्ताव तैयार किया है।
सूत्रों के अनुसार विभाग ने चार पीढ़ियों तक की किसी भी कीमत तक की संपत्ति के बंटवारे के लिए एक समान पांच हजार रुपये स्टांप ड्यूटी और पांच हजार रुपये ही निबंधन शुल्क प्रस्तावित किया है। मंगलवार को कैबिनेट से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद मात्र 10 हजार रुपये के खर्च पर सपत्ति के बंटवारे की पक्की लिखा-पढ़ी कराई जा सकेगी।
सूत्रों के अनुसार पूर्व में विभाग ने सेल डीड की तरह एक प्रतिशत निबंधन शुल्क प्रस्तावित किया था। ऐसे में यदि एक करोड़ रुपये की किसी पैतृक संपत्ति का विभाजन किया जाता तो स्टांप ड्यूटी भले ही पांच हजार रुपये देनी होती लेकिन निबंधन शुल्क के तौर पर एक लाख रुपये लगते। मुख्यमंत्री द्वारा इस पर सहमति न जताए जाने पर निबंधन शुल्क अब पांच हजार रुपये प्रस्तावित किया गया है।
विदित हो कि विभाजन विलेख में सभी पक्षकार विभाजित संपत्ति में संयुक्त हिस्सेदार होते हैं। संपत्ति का विभाजन उनके बीच ही होता है।
विभाजन विलेख में छूट एक ही मृतक व्यक्ति की संपत्ति का उसके सभी वंशजों (सह स्वामी) के बीच बंटवारे पर मिलेगी। मतलब यह हुआ कि दादा की मूल संपत्ति में वर्तमान में जीवित हिस्सेदार चाचा/भतीजा/भतीजी आदि हो सकते हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।