उत्तर प्रदेश सरकार ने 3 लाख से ज्यादा जरूरतमंद को दिए पक्के मकान; मुसहर से वनटांगिया तक, सबको मिला अपना घर
उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 3.72 लाख परिवारों को पक्का घर दिया है। इस योजना से आदिवासियों, दिव्यांगजनों और आपदा पीड़ ...और पढ़ें

योगी सरकार की प्राथमिकता में सबसे कमजोर वर्ग सबसे ऊपर
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 'अंत्योदय' का संकल्प अब धरातल पर पक्के मकानों की शक्ल में दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने समावेशी विकास की दिशा में मील का पत्थर गाड़ते हुए मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत रिकॉर्ड 3.72 लाख परिवारों को पक्का घर उपलब्ध कराया है। फरवरी 2018 में शुरू हुई इस योजना ने उन आदिवासियों, दिव्यांगजनों और आपदा पीड़ितों के जीवन में रोशनी भरी है, जो दशकों तक सरकारी लाभ की कतार में सबसे पीछे खड़े रहे।
योगी सरकार ने इस योजना के माध्यम से यह सुनिश्चित किया है कि विकास का लाभ आंकड़ों तक सीमित न रहकर सबसे जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुंचे। आवास आवंटन की सूची में संवेदनशीलता और पारदर्शिता को प्राथमिकता दी गई है। आंकड़ों के अनुसार, दैवीय आपदा पीड़ितों को सर्वाधिक 93,300 और दिव्यांगजनों को 91,062 पक्के मकान सौंपे गए हैं। इसके साथ ही, समाज के सबसे पिछड़े माने जाने वाले मुसहर समुदाय को 50,000 और निराश्रित विधवा महिलाओं को 41,000 से अधिक आवास देकर उन्हें सामाजिक सुरक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा गया है।
दशकों का इंतजार खत्म, मिला अपना हक: यह योजना उन समुदायों के लिए वरदान साबित हुई है जिन्हें आजादी के कई दशकों बाद भी अपना कहने को एक पक्का घर मयस्सर नहीं था। योगी सरकार के विजन से पहली बार वनटांगिया, थारू, कोल, सहरिया, चेरो, बैगा, नट और बंजारा जैसे वंचित वर्गों को बड़े पैमाने पर गरिमापूर्ण जीवन जीने का अवसर मिला है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल ने न केवल इन परिवारों को सिर पर छत दी है, बल्कि उन्हें एक नई पहचान और आत्मनिर्भरता का संबल भी प्रदान किया है।

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