सपा ने भर्तियों में लगाया अनियमितता का आरोप, UP सरकार ने बताया बेबुनियाद, विस में आरक्षण-निजीकरण के मुद्दे पर एक-दूसरे को घेरा
विधान सभा में विभिन्न चयन आयोगों की भर्तियों को लेकर सरकार और विपक्ष में तीखी नोकझोंक हुई। सपा ने भर्तियों में अनियमितता और सरकारी नौकरियां खत् ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। विधान सभा में मंगलवार को उप्र लोक सेवा आयोग सहित विभीन्न चयन आयोगों की भर्तियों को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। सपा ने भर्तियों में अनियमितता का आरोप लगाते हुए कहा कि आरक्षण न देना पड़े, इसलिए योजनाबद्ध तरीके से सरकारी नौकरियां खत्म की जा रही हैं। सरकार निजीकरण को बढ़ावा दे रही है। वहीं, सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि योगी सरकार आरक्षण का पूरी तरह से पालन कर रही है।
सपा ने कार्यस्थगन प्रस्ताव के रूप में आरक्षण का मुद्दा उठाया। सपा सदस्य संग्राम सिंह यादव ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं में आरक्षण देने से बचने के लिए चयन आयोग ने चुपके से माइग्रेशन की व्यवस्था समाप्त कर दी। छात्रों ने जब इसका विरोध किया तो पुलिस ने उनके साथ अभद्रता की। सपा सदस्य संदीप सिंह ने कहा कि आज नौजवानों को 'नाट फाउंड सूटेबल' बताकर चयन प्रक्रिया से बाहर किया जा रहा है।
लेखा-जोखा पेश करते हुए सरकार को घेरा
सपा सदस्यों ने विभिन्न विभागों में हुईं भर्तियों का लेखा-जोखा पेश करते हुए सरकार को घेरा। उन्होंने चिकित्सा अधिकारी (आयुर्वेद), पशुपालन अधिकारी तथा परिवार कल्याण महानिदेशालय में स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी के पदों की रिक्तियों का उल्लेख किया। उन्होंने हर भर्ती में पदों की संख्या और आरक्षण के अनुपात को गिनाते हुए कहा कि इनमें आरक्षण के साथ खिलवाड़ किया गया है। यह भी कहा कि जो लोग पहले फर्जी एनकाउंटर में माहिर थे, उन्हें सरकार ने चयन आयोग की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार आरक्षण को पूरी तरह लागू कर रही है। लेखपाल भर्ती के मामले में राजस्व परिषद पदों का परीक्षण कर रहा है। विपक्ष ने जो आरोप लगाए हैं, वे गलत हैं। योगी सरकार के मंत्रिमंडल में भी 19 ओबीसी मंत्री हैं। भाजपा ऊपर से नीचे तक सभी जगह आरक्षण का पालन कर रही है।
चरण सिंह की फोटो लेकर अध्यक्ष के आसन के समक्ष प्रदर्शन
सपा ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर किसानों के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की, किंतु इसे स्वीकृति नहीं मिली। इसी मुद्दे पर सपा सदस्य अतुल प्रधान व पंकज चौधरी चरण सिंह की फोटो लेकर विधान सभा अध्यक्ष के आसन के समक्ष आकर प्रदर्शन करने लगे। कहा कि किसान दिवस पर किसानों के ही मुद्दे को उठाने नहीं दिया जा रहा है।
इस पर सपा के अन्य सदस्य भी वहां पहुंच गए। सतीश महाना ने कहा कि चौधरी चरण सिंह का नाम बहुत बड़ा है, अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उनका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। उन्होंने बुधवार को किसानों के मुद्दे पर नोटिस स्वीकार करने का आश्वासन दिया। इसके बाद सपा सदस्य अपनी सीट पर वापस आ गए।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।