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    एग्रीकल्चर सेक्टर के विकास की गति बनाए रखने में जुटी योगी सरकार, 104 करोड़ की अनुपूरक राशि को दी मंजूरी

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 12:57 AM (IST)

    प्रदेश सरकार ने कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों के विकास के लिए अनुपूरक बजट में कुल 104 करोड़ रुपये से अधिक की राशि स्वीकृत की। इसमें बीज गुणवत्ता ...और पढ़ें

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश सरकार कृषि और उससे संबद्ध क्षेत्रों में विकास की गति को बनाए रखने की कोशिश में जुटी है। सोमवार को अनुपूरक बजट में सरकार ने कृषि विभाग की योजनाओं के लिए 104 करोड़ रुपये से अधिक की अनुपूरक राशि की स्वीकृति दी। इसमें बीज गुणवत्ता नियंत्रण योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजनाओं के लिए दी गई अतिरिक्त राशि शामिल है। वहीं कृषि से संबद्ध सहकारिता क्षेत्र के लिए 25.15 करोड़ रुपये, दुग्धशाला विकास के लिए 37.50 करोड़ रुपये और पशुधन विभाग के लिए 20.27 करोड़ रुपये की भी स्वीकृति दी है।

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    अनुपूरक बजट में बीज गुणवत्ता नियंत्रण योजना के तहत 8.09 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इसमें 1.95 करोड़ रुपये पूंजीगत मद में खर्च होंगे। नेशनल मिशन आन एडिबल आयल के क्रियान्वयन के लिए पांच करोड़ और राजस्व मद 4.46 रुपये की स्वीकृति दी गई है।

    इसके अलावा नेशनल फूड सिक्योरिटी मिशन के लिए 21.74 करोड़, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना को 53 करोड़, बांदा कृषि विश्वविद्यालय में कृषि तकनीकी महाविद्यालय के निर्माण को दो करोड़, कृषि निदेशालय की विभिन्न मदों में पांच करोड़ व वाहनों के क्रय को पांच करोड़, राज्य कृषि प्रबंध संस्थान रहमान खेड़ा में ई-आफिस के लिए 10 लाख, उप्र कृषि अनुसंधान परिषद में ई-आफिस के लिए 20 लाख रुपये भी स्वीकृत किए गए हैं।

    थनैला रोग नियत्रण एवं निदान योजना के लिए मिले पांच करोड़

    पशुधन विकास के तहत थनैला रोग नियत्रण एवं निदान योजना के लिए पांच करोड़, हरा चारा उत्पादन के लिए 6.50 करोड़, पशु जैविक औषधि संस्थान के सुदृढीकरण को 1.37 करोड़, रहमानखेड़ा के अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन केंद्र को दो करोड़ रुपये व बाबूगढ़ हापुड़ केंद्र को एक करोड़, पशु चिकित्सा पाली क्लीनिक के संचालन एवं सुदृढीकरण योजना के तहत 45.50 लाख, प्रक्षेत्र मुख्यालय एवं प्रक्षेत्रों के विस्तार एवं सुदृढीकरण योजना को 94.50 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं।

    वहीं पशुपालन निदेशालय में ई-आफिस के लिए एक करोड़, पं दीनदयाल उपाध्याय पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो-अनुसंधान संस्थान मथुरा के दो नए कालेजों के संचालन को दो करोड़ की भी स्वीकृति दी गई। सहकारिता क्षेत्र में दुग्ध संघों को अनुदान दिए जाने के लिए 20 करोड़, मेरठ व वाराणसी में डेरी परियोजनाओं के संचालन को पीसीडीएफ को ऋण दिए जाने के लिए 11 करोड़, पीसीडीएफ की विपणन व्यवस्था और पराग ब्रांड के मार्केटिंग सपोर्ट को कंसल्टेंट हायर करने के लिए पांच करोड़ और ई-आफिस प्रणाली व डेरी प्लांट में ईआरपी सिस्टम स्थापित करपने को 1.50 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट को स्वीकृति दी गई।

    औद्यानिक एवं रेशम विकास क्षेत्र में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत कामन इंक्यूबेशन सेंटर्स के संचालन को दो करोड़, मुख्यमंत्री रेशम विकास योजना के तहत 2.95 करोड़, उप्र राज्य औद्यानिक निर्यात प्रोत्साहन योजना के कार्यान्वयन को 21 लाख, मुख्यमंत्री राज्य औद्यानिक विकास योजना के कार्यान्वयन को 20 करोड़ और औद्यानिक एवं रेशम विकास विभाग के जिला व मंडलीय कार्यालयों में ई-आफिस प्रणाली को 1.50 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। वहीं उप्र सहकारी चीनी मिल संघ की चीनी मिलों के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के लिए ऋण देने को 400 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी दी गई।