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    Indian Organ Donation Day: एसजीपीजीआइ में राज्यपाल आनंदीबेन बोलीं, मानवता के लिए अंगदान जरूरी

    By Dharmendra MishraEdited By:
    Updated: Sat, 27 Nov 2021 06:00 PM (IST)

    अंगदान के जरिए किसी को जीवन दे सकते है। एक व्यक्ति चार से पांच लोगों को जिंदगी दे सकता है। संजय गांधी पीजीआइ में आयोजित 12 वें इंडियन आर्गन डोनेशन डे के मौके पर शनिवार को वेबिनॉर में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि मानवता के लिए अंगदान जरूरी है।

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    इंडियन आर्गन डोनेशन डे के मौके पर पीजीआइ के वेबिनार में शामिल हुईं राज्यपाल

    लखनऊ, जागरण संवाददाता। यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को राजधानी के संजयगांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में आयोजित 12वें इंडियन आर्गन डोनेशन डे के वेबिनॉर में कहा कि अंगदान के जरिए किसी को जीवन दे सकते हैं। मानवता के लिए अंगदान जरूरी है। एक व्यक्ति चार से पांच लोगों को जिंदगी दे सकता है।इसलिए लोगों को इसके लिए आगे आना चाहिए।

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    उन्होंने कहा कि मृत्यु के बाद नेत्र दान कर किसी को रोशनी दे सकते हैं। ब्रेन डेड के बाद परिवार के लोगों को अंगदान के लिए आगे आना पड़ेगा। राज्यपाल ने बताया कि उनके खास जानने वाले एक सज्जन का इलाज संभव नहीं था। ऐसे में उन्होंने लिवर और किडनी दान किया। इससे अन्य लोगों को जिंदगी मिल गई।

    मुख्य सचिव आरके तिवारी ने कहा कि पीजीआइ ने स्टेट ऑर्गन डोनेशन पालसी तैयार किया है। सरकार इसे लागू करेगी, जिससे अंग की कमी पूरा करने में मदद मिलेगी। चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने संस्थान के साथ ही किंग जार्ज मेडिकल विवि, राम मनोहर लोहिया में चल रहे अंग प्रत्यारोपण कार्यक्रम की सराहना की। कहाकि इस काम लगने वाले निराश लोगों की जिंदगी में आस भर रहे हैं।

    संस्थान के निदेशक प्रो.आर के धीमन ने कहा कि अंगो की कमी के कारण पांच लाख लोगों की हर साल मौत हो जाती है। इसमें दो लाख लिवर के और 1.5 लाख किडनी के मरीज हैं। इस मौके पर नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो. नरायन प्रसाद ने कहा कि किडनी प्रत्यारोपण लाइव हम लोग कर रहे हैं। आगे कैडेवर मिलने के बाद उन लोगों को फायदा होगा, जिनके पास कोई डोनर नहीं है।

    रोड एक्सीडेंट के 10 फीसदी से 20 हजार को मिल जाएगी किडनीः प्रो. आरके धीमान ने कहा कि रोड एक्सीडेंट में  ब्रेन डेथ के केवल 10 फीसदी केस के ही आर्गन डोनेशन हो जाएं तो 20 हजार को किडनी, 10 हजार को लिवर और 20 हजार जरूरतमंदों को आंखें मिल सकती हैं। 

    पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन : स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन( सोटो) ने अंग दान को बढ़ावा देने को जागरूकता अभियान शुरू किया है। इसके तहत स्कूल और कॉलेज के छात्रों के बीच पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। थीम आर्गन डोनेशन -बी ए मिरेकल मेकर है। इसमें विभिन्न स्कूलों के आठ छात्रों को पोस्टर पुरस्कार के लिए चयनित किया गया।

    इन्हें मिला पुरस्कारः

    • प्रथम पुरस्कार- केवी गोमती नगर- आकृति वर्मा
    • द्वितीय - सीएमएस स्टेशन रोड- विदुषी सिंह
    • तृतीय पुरस्कार- सीएमएस गोमती नगर- महरुख जेहरा
    • सांत्वना पुरस्कार-1- सेंट एगनस लोरेंटो- चोइत्री बनर्जी
    • सांत्वना पुरस्कार 2- सीएमएस गोमतीनगर- आकृति सम्यक
    • सांत्वना पुरस्कार-3-एलपीएस साउथ सिंटी- ईंशु यादव
    • सांत्वना पुरस्कार-4- केवीएमएमसी- सपना कुमारी
    • सांत्वना पुरस्कार-5- एलपीएस साउथ सिटी- हर्षवर्धन नाथ

    अंगदान की भ्रांतियां दूर करेगा सोटोः  सोटो के नोडल आफीसर प्रो. राजेश हर्षवर्धन ने कहा कि अंगदान को लेकर तमाम तरह की भ्रांतिया हैं । लाइव के साथ कैडेवर डोनेशन को भी बढ़ावा देने की जरूरत है। तभी किडनी, लिवर ट्रांसप्लांट, हार्ट ट्रांसप्लांट सहित अन्य को गति मिलेगी। देश में दो-दो लाख गुर्दा व लिवर प्रत्यारोपण के मुकाबले करीब आठ हजार गुर्दा व एक हज़ार लिवर का प्रत्यारोपण हो पा रहा है। बाकी अंगों की स्थित यही है। प्रदेश में अंगदान के प्रति जागरूक करने की पहल की गई है। दान किए जाने वाले अंग और ऊतक क्रमशः दिल, गुर्दा, लिवर पैंक्रियाज आंत और फेफड़ों के अलावा त्वचा, अस्थि, अस्थि मज्जा, कार्निया, कारटिलेज, मांसपेशियां आदि हैं।

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