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अंग्रेजी, हिंदी व उर्दू के साथ अब संस्कृत में भी जारी होंगे योगी आदित्यनाथ सरकार के प्रेस नोट

सूचना विभाग में अभी हिंदी अंग्रेजी और उर्दू में ही प्रेस नोट जारी किए जाते थे। सूचना विभाग ने योगी आदित्यनाथ की नीति आयोग के साथ हुई बैठक का प्रेस नोट संस्कृत में में जारी किया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 18 Jun 2019 03:52 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jun 2019 08:04 AM (IST)
अंग्रेजी, हिंदी व उर्दू के साथ अब संस्कृत में भी जारी होंगे योगी आदित्यनाथ सरकार के प्रेस नोट
अंग्रेजी, हिंदी व उर्दू के साथ अब संस्कृत में भी जारी होंगे योगी आदित्यनाथ सरकार के प्रेस नोट

लखनऊ, जेएनएन। योगी आदित्यनाथ सरकार का जोर अब संस्कृत भाषा पर भी है। प्रदेश सरकार ने भाजपा के सांस्कृतिक एजेंडे को धार देना शुरू कर दिया है। सूचना विभाग ने अब संस्कृत भाषा में प्रेस नोट जारी करने की पहल की है।

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सूचना विभाग में अभी तक हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में ही प्रेस नोट जारी किए जाते थे। अब नई परिपाटी के तहत सूचना विभाग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीति आयोग के साथ हुई बैठक का प्रेस नोट संस्कृत भाषा में जारी किया। उत्तर प्रदेश सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक शिशिर ने बताया कि इससे संस्कृत भाषा को बढ़ावा मिलेगा और संस्कृत के विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन होगा।

विभाग के निदेशक ने कहा कि अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भाषण व सरकारी फैसलों की सूचना अब संस्कृत भाषा में भी मिलेगी। इसके पहले नीति आयोग में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भाषण को संस्कृत में जारी किया गया था। भाषणों व सूचनाओं की जानकारी को संस्कृत में अनुवाद करने के लिए लखनऊ के राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, गोमतीनगर की मदद ली जाएगी।

योगी आदित्यनाथ सरकार ने बजट में संस्कृत शिक्षा पर जोर देने की बात कही थी और राशि का आवंटन किया था। प्रदेश सरकार ने संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 314.51 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। सरकार ने संस्कृत पाठशाला को आर्थिक सहायता के लिए 242 करोड़ रुपया के साथ संस्कृत स्कूल और डिग्री कॉलेज के लिए भी 30 करोड़ रुपए जारी सहायता राशि जारी की है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने 21 करोड़ रुपए का प्रावधान काशी विद्यापीठ में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए किया। इसके साथ ही 21.51 करोड़ रुपए सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के लिए भी का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री योगी ने मामले पर कल एक बयान में कहा था कि संस्कृत भाषा भारत के डीएनए में है। इसका उपयोग धार्मिक कार्यों में किया जाता है। जिसे बढ़ाने की आवश्यकता है। भाषा को लेकर भारत में एक अलग ही माहौल देखा जा रहा है। अब भाषा को लेकर ही उत्तर प्रदेश सरकार ने एक नई पहल की है। संस्कृत भारती के कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि संस्कृत अब केवल धार्मिक मंत्र और रीति रिवाज तक ही सीमित होकर रह गई है। हमें इस बात को समझना चाहिए कि जहां विज्ञान का अंत होता है वहीं से संस्कृत शुरू होती है। हमने दिन प्रतिदिन के जीवन में इसका उपयोग न करके संस्कृत को कमजोर कर दिया है। 

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