UP News: अब 62 नहीं 65 साल पर रिटायर होंगे सरकारी डॉक्टर, तीन साल प्रशासनिक पद पर नहीं कर सकेंगे काम
सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। अभी डॉक्टरों के 19500 पद हैं और इसमें से केवल 11 हजार पद ही भरे हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी होने के कारण बेहतर ढंग से उपचार दिलाने में कठिनाई आ रही है। वहीं चिकित्सकों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेने की छूट दी जाएगी।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। प्रांतीय चिकित्सा सेवा (पीएमएस) संवर्ग के डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष की जाएगी। तीन वर्ष जो सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाई जा रही है, इसमें चिकित्सक किसी भी प्रशासनिक पद पर काम नहीं कर सकेंगे। वह अस्पतालों में सिर्फ मरीजों का उपचार करेंगे। जल्द इस प्रस्ताव को कैबिनेट में पेश कर मंजूरी दिलाई जाएगी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने डाक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु तीन वर्ष बढ़ाने के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया है।
सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। अभी डॉक्टरों के 19,500 पद हैं और इसमें से केवल 11 हजार पद ही भरे हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी होने के कारण बेहतर ढंग से उपचार दिलाने में कठिनाई आ रही है।
वहीं, चिकित्सकों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेने की छूट दी जाएगी। 62 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके ऐसे डाक्टर जो निदेशक व महानिदेशक के पद पर कार्य कर चुके हैं और वह आगे अस्पतालों में मरीज का उपचार नहीं करना चाहते, उन्हें वीआरएस लेने की छूट दी जाएगी। नई सेवा नियमावली तैयार की जा रही है।
68 साल तक पुनर्नियुक्ति पर दे सकेंगे सेवाएं
तीन साल पुनर्नियुक्ति का भी प्रावधान किया जा रहा है।अभी 62 साल पर रिटायर होने वाले डाक्टर अपनी स्वेच्छा से तीन वर्ष तक पुनर्नियुक्ति पर अपनी सेवाएं देते हैं। 65 साल तक काम करने वाले इन डाक्टरों को अंतिम वेतन में से पेंशन घटाने के बाद जो भी धनराशि बनती है, इन्हें उसका भुगतान किया जाता है। ऐसे में अब पुनर्नियुक्ति पर पर 68 साल तक कर सकेंगे काम।
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