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    UP Outsourcing: यूपी में आउटसोर्स कर्मि‍यों के आएंगे अच्‍छे द‍िन! शोषण से मुक्ति के साथ म‍िलेंगे ये फायदे

    By Jagran NewsEdited By: Vinay Saxena
    Updated: Tue, 20 May 2025 07:09 PM (IST)

    लखनऊ में सरकारी विभागों में आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के गठन का प्रस्ताव है जो कर्मचारियों के ईपीएफ ईएसआ ...और पढ़ें

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    सरकारी विभागों में आउटसोर्स पर काम कर रहे कार्मिकों के आएंगे अच्‍छे द‍िन।- सांकेत‍िक तस्‍वीर

    हेमंत श्रीवास्तव, लखनऊ। सरकारी विभागों में आउटसोर्स पर काम कर रहे कार्मिकों के अच्छे दिन जल्द आने वाले हैं। उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के गठन के लिए तैयार प्रस्ताव पर परामर्शी विभागों ने अपने परामर्श दे दिए हैं। विभागों से मिले सुझावों के बाद यह तय माना जा रहा है कि कार्मिकों के ईपीएफ, ईएसआई, बीमा, चिकित्सा, भत्ते आदि का प्रबंधन आउटसोर्स निगम करेगा, जबकि मानदेय मौजूदा व्यवस्था के तहत आउटसोर्स एजेंसियां ही देंगी। पूरा मानदेय समय से कार्मिकों के खाते में जाए इसका पर्यवेक्षणीय दायित्व निगम के पास रहेगा।

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    परामर्शी विभागों से सुझावों के मिल जाने के बाद सचिवालय प्रशासन विभाग अब प्रस्ताव पर मुख्य सचिव का मार्गदर्शन लेगा। जिसके बाद इसे मुख्यमंत्री के अवलोकनार्थ भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री की सहमति लेने के बाद इसे कैबिनेट के समक्ष स्वीकृति के लिए रखा जाएगा। सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा निगम के गठन के लिए जो प्रस्ताव परामर्शी विभागों को भेजा गया था उसमें यह प्रस्तावित किया गया था कि कर्मचारियों के मानदेय का भुगतान निगम के माध्यम से किया जाए।

    सूत्र बताते हैं कि परामर्शी विभाग कार्मिक, वित्त व न्याय ने तकनीकी, कानूनी और वित्तीय पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों के मानदेय का भुगतान मौजूदा व्यवस्था के मुताबिक आउटसोर्स एजेंसियों के माध्यम से ही करने का परामर्श दिया है। एजेंसियों द्वारा समय से पूरा मानदेय कर्मचारी के बैंक खाते में चला जाए इस पर निगम की निगाहें रहेंगी।

    प्रस्तावित मसौदे में यह सुनिश्चित किया गया है कि एजेंसियां अपने स्तर से किसी कर्मचारी हटा नही सकेंगी। आउटसोर्स की भर्तियां चतुर्थ श्रेणी को छोड़कर अन्य सभी श्रेणी में सेवायोजन पोर्टल के माध्यम से की जाएंगी।

    निगम का गठन हो जाने पर आउटसोर्स कार्मिकों को शोषण से मुक्ति के साथ ही अवकाश, चिकित्सा सुविधा, सामाजिक व पारिवारिक सुरक्षा का लाभ मिलने लगेगा। कार्मिक की दुर्घटना में मृत्यु होने पर उनके स्वजन को 30 लाख रुपये तक की सहायता बैंक के माध्यम से मिलेगी। इसके लिए कार्मिक को कोई प्रीमियम नहीं देना होगा। 12 आकस्मिक अवकाश और 10 चिकित्सीय अवकाश भी मिलेंगे।

    न्यूनतम वेतन 20 हजार रुपये और उससे अधिक हो जाएगा। जिस पद के सापेक्ष कर्मचारी को सेवा में लिया जाएगा उस पद के स्थाई कार्मिक को मिलने वाले वेतन के आसपास ही आउटसोर्स कार्मिक को मानदेय मिलने की उम्मीद है। कर्मचारी 60 वर्ष की उम्र तक आउटसोर्स की नौकरी कर सकेंगे। 1000 रुपये से लेकर 7500 रुपये तक पेंशन दिए जाने का प्रस्ताव भी है।