उत्तर प्रदेश में खाद की कालाबाजारी पर लगेगा अंकुश, काम आएगा किसान का अंगूठा
Trick To Prevent Black Marketing: प्रदेश के सभी उर्वरक विक्रेताओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे नया साफ्टवेयर वर्जन अपडेट करें। इसके बाद जिलों में डिवाइस के अपडेशन का काम जारी है। अपडेट से पीओएस व्यवस्था में कौन, कितनी खाद, कब और कहां खरीद रहा है? इसका पूरा रिकार्ड रहेगा।

पीओएस डिवाइस में हुआ वर्जन अपडेट
दिलीप शर्मा, जागरण, लखनऊ: खाद की कालाबाजारी के चलते प्रदेश भर में उपलब्धता के संकट से जूझ रही उत्तर प्रदेश सरकार अब तकनीक के सहारे इस खेल को रोकने की कोशिश में है। अब किसान के पीओएस डिवाइस पर अंगूठा लगाते ही पूरे वर्ष में उसके द्वारा खरीदी गई खाद का विवरण सामने आ जाएगा।
इस तकनीक से आवश्यकता से अधिक खाद लेने का पता चल सकेगा और इसे रोका जा सकेगा। इसके लिए भारत सरकार ने खाद वितरण की पोइंट आफ सेल (पीओएस) डिवाइस के वर्जन अपडेट कर दिया है। ताजा अपडेट के बाद बाद पीओएस डिवाइस को निर्धारित स्थान से दूर ले जाकर उपयोग नहीं किया जा सकेगा।
वर्तमान रबी सीजन में लगभग सभी जिलों में उर्वरक के लिए मारामारी मची हुई है। सरकार का दावा है कि खाद की पर्याप्त उपलब्धता है और पिछले वर्ष के मुकाबले अधिक खाद का वितरण हो रहा है, इसके बावजूद सहकारी समितियों पर किसानों की लंबी-लंबी कतारें लग रही है। इस बीच कई जिलों में किसानों द्वारा बहुत अधिक खाद लिए जाने के भी मामले सामने आए हैं।
यही स्थिति खरीफ सीजन के दौरान भी सामने आई थी। तब कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने केंद्रीय उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा को वितरण व्यवस्था में तकनीकी बदलाव के सुझाव दिए थे। इनमें से तीन सुझावों के हिसाब से अब पीओएस मशीनों का नया वर्जन जारी कर दिया गया है।
प्रदेश के सभी उर्वरक विक्रेताओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे नया साफ्टवेयर वर्जन अपडेट करें। इसके बाद जिलों में डिवाइस के अपडेशन का काम जारी है। अपडेट से पीओएस व्यवस्था में कौन, कितनी खाद, कब और कहां खरीद रहा है? इसका पूरा रिकार्ड रहेगा। किसान के अंगूठा लगाते ही उसके द्वारा की गई कुल खाद खरीद के साथ चालू सीजन में उसने कितनी बोरियां ली हैं, इसका विवरण भी अलग से दिखाई देगा।
अपडेट में पीओएस डिवाइस को जिओ फेंसिंग (भौगोलिक सीमा) से जोड़ा गया है। इससे डिवाइस केवल उसी विक्रय केंद्र तक सीमित रहेगी, जहां उसे इंस्टाल किया गया है। अगर मशीन विक्रय केंद्र से बाहर ले जाई जाएगी या किसी अन्य स्थान पर इस्तेमाल की जाएगी तो सिस्टम स्वचालित रूप से बंद हो जाएगा। वहीं रात आठ बजे के बाद खाद विक्रय की निगरानी की व्यवस्था की गई है।
अपडेट के बाद यदि मशीन पर आठ बजे के बाद बिक्री दिखाई जाती है तो अधिकारियों को इसकी जानकारी मिल जाएगी। विक्रय के समय सहित पूरा विवरण संबंधित पोर्टल पर दर्ज हो जाएगा। कृषि मंत्री ने बताया कि उनके सुझावों को महत्व देने के लिए वह केंद्रीय उर्वरक मंत्री के आभारी हैं। नई व्यवस्था से कृषि भूमि और उनकी जरूरत के अनुसार खाद मिलेगी और कालाबाजारी पर अंकुश लगेगा तो उसकी किल्लत की स्थिति नहीं बनेगी। विभाग द्वारा इसके लिए पीओएस डिवाइस के डाटा की निरंतर समीक्षा की जाएगी, ताकि सही मायने में जरूरत के अनुसार खाद वितरण सुनिश्चित हो सके।

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