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    आटा, चावल और तेल के कम निर्यात पर मंडी शुल्क से नहीं मिलेगी छूट, यूपी सरकार ने तय किया नियम

    By Umesh TiwariEdited By:
    Updated: Mon, 16 May 2022 05:07 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग ने प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए न्यूनतम व आदर्श रिकवरी का प्रतिशत तय कर दिया है। अब निर्धारित न्यूनतम मानक प्रतिशत से कम मात्रा में निर्यात होने पर निर्यातक को मंडी शुल्क व विकास सेस से छूट का लाभ नहीं मिलेगा।

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    कृषि विभाग ने प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों की न्यूनतम व आदर्श रिकवरी तय की।

    लखनऊ [धर्मेश अवस्थी]। उत्तर प्रदेश से आटा, चावल व तेल आदि का निर्यात होने पर मंडी शुल्क से छूट देने का नियम है। कृषि विभाग ने प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए न्यूनतम व आदर्श रिकवरी का प्रतिशत तय कर दिया है। यानी कृषि प्रसंस्कृत उत्पादों के निर्यात में मंडी शुल्क से छूट लेने के लिए सरकार ने रिकवरी का प्रतिशत स्पष्ट कर दिया है।

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    न्यूनतम रिकवरी प्रतिशत से कम निर्यात होने पर निर्यातक को मंडी शुल्क से छूट नहीं मिलेगी, हां ये जरूर है कि निर्यातक न्यूनतम से आदर्श रिकवरी प्रतिशत की सीमा तक निर्यात कर सकता है। सभी जिलों व मंडी समितियों को 25 प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों की सूची भेजी गई है।

    मंडलायुक्त, जिलाधिकारी व मंडी परिषदों को भेजे निर्देश में कहा गया है कि 25 प्रसंस्कृत उत्पादों के अलावा यदि कोई अन्य उत्पाद निर्यात होना है तो संबंधित जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जनपद स्तरीय क्लस्टर सुविधा इकाई के सदस्य सचिव को उत्पाद के आदर्श रिकवरी मानक से अवगत कराकर न्यूनतम रिकवरी मानक तय करने के लिए आवेदन किए जा सकते हैं।

    आवेदन मिलने पर अध्यक्ष जनपद स्तरीय क्लस्टर सुविधा इकाई तीन सदस्यीय समिति गठित करके 30 दिन में यह कार्य पूरा करेंगे। इसमें प्रतिबंध यह है कि न्यूनतम रिकवरी प्रतिशत किसी दशा में आदर्श रिकवरी प्रतिशत की 50 प्रतिशत सीमा से कम नहीं होगा।

    अपर मुख्य सचिव कृषि डा. देवेश चतुर्वेदी की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि आदर्श रिकवरी मानक व वास्तविक रूप से निर्यात होने वाले कृषि उत्पाद के अंतर को स्थानीय बिक्री माना जाएगा। इसे ऐसे समझे गेहूं आटा की रिकवरी 50 प्रतिशत है और आदर्श रिकवरी प्रतिशत 90 है। यदि 60 प्रतिशत आटा निर्यात हुआ है तो 30 प्रतिशत की स्थानीय बाजार में बिक्री मानी जाएगी।

    इस अंतर की मात्रा पर निर्यातक को मंडी शुल्क व विकास सेस देना होगा। वहीं, निर्धारित न्यूनतम मानक प्रतिशत से कम मात्रा में निर्यात होने पर निर्यातक को मंडी शुल्क व विकास सेस से छूट का लाभ नहीं मिलेगा। इसमें समस्या आने पर निर्यातक अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कृषि निर्यात बंधु की बैठक में प्रकरण रख सकते हैं।

    ऐसे बना नियम

    • कृषि उत्पाद - न्यूनतम रिकवरी प्रतिशत - आदर्श रिकवरी प्रतिशत
    • गेहूं आटा - 50 - 90
    • चावल सामान्य - 50 - 66.66
    • चावल बासमती - 45 - 66.66
    • राइस स्टार्च - 50 - 80
    • चावल आटा - 50 - 70
    • मक्का आटा - 50 - 80
    • मक्का स्टार्च - 50 - 80
    • मिलेटस आटा - 50 - 93
    • ज्वार आटा - 50 - 95
    • आलू आटा - 15 - 25
    • आलू फ्रोजन - 25 - 60
    • बेसन - 35 - 80
    • मूंगफली - 45 - 70
    • टमाटर जूस - 45 - 60
    • टमाटर पेस्ट - 20 - 30
    • पील्ड टोमैटो - 60 - 80
    • निर्जलीकृत सब्जियां - 15 - 20
    • ग्रेपफ्रूट जूस कंसनट्रेट - 20 - 25
    • फरमेंटेड बेवरेज - 25 - 60
    • मैंगो जूस - 05 - 10
    • काटन लिंट - 25 - 33
    • प्रसंस्कृत तिल - 75 - 75
    • मेंथा प्रजाति से निकाले तेल व हर्ब प्रसंस्कृत उत्पाद - 85 - 95
    • मेंथा प्रजाति से निकाले तेल व हर्ब - 95 - 100